New Delhi: असम में बाढ़ की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। बाढ़ के कारण लाखों लोग बेघर हो गए है।इस बीच प्रदेश के काजीरंगा के पास एक घर में उस समय हड़कंप मच गया, जब घरवालों ने घर के बेड पर एक बाघ को आराम फरमाते हुए पाया। सुबह सात बजे बाघ को घर के बेड पर देखकर घरवालों के होश उड़ गए। सभी घर छोड़कर दूर जाकर खड़े हो गए। आनन-फानन में वन विभाग को सूचना दी गई।
Assam: A Bengal Tiger found sitting on a bed in a house in flood hit Harmati area of Kaziranga. Forest officials have reached the spot. #AssamFloods pic.twitter.com/Sv0wFhH8Ke
— ANI (@ANI) July 18, 2019
बता दैं कि असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है लकि बाढ़ में अब तक 37 लोग मारे गए और भूस्खलन में 2 लोगों की जान चली गई। 18 जुलाई 2019 तक, बाढ़ के कारण 28 जिलों के 103 राजस्व क्षेत्रों में कुल 4,128 गाँव प्रभावित हुए हैं और 50 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने असम के लिए 251.55 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी की था। असम के धेमाजी, बिश्वनाथ, सोनितपुर, दरंग, बक्सा, बारपेटा, नलबाड़ी, चिरांग, बोंगाईगांव, कोकराझार, गोलपारा, मोरीगांव, होजई, नागांव, गोलाघाट, मझौली, जोरहाट, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिवारीगढ़, लगभग 1,556 गाँव बाढ़ की चपेट में हैं। बारपेटा 7.35 लाख लोगों के साथ सबसे बुरी तरह प्रभावित है। इसके बाद मोरीगांव में 3.50 लाख लोग प्रभावित हैं। धुबरी में, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार से लगभग 3.38 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
इस बीच, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार दोपहर तक बाढ़ के कारण4,175 गांवों के 46.28 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही 90,000 हेक्टेयर के करीब कृषि भूमि डूब गई हैं। राज्य में बाढ़ और भूस्खलन में 15 लोग मा’रे गए हैं।
बाढ़ से इंसानों के साथ-साथ जानवर भी प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के चलते काजीरंगा का 90% हिस्सा अभी पानी में है।, जिससे अनुमानित 10 लाख पशु प्रभावित हुए हैं। बाढ़ जंगली जीवन को भी प्रभावित करता है। यह तब बढ़ जाता है जब निवास स्थान कम हो जाते हैं। ऐसी आपदा के समय में उनके लिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। हर साल बाढ़ से इसी तरह राज्य में जान माल की हानि देखी जाती है। पशुओं को भी बाढ़ के चलते कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।