NEW DELHI – अयोध्या: मंदिर प्रतिष्ठा से पहले 21,000 पुजारी करेंगे ‘राम नाम’ महायज्ञ : राम मंदिर के अभिषेक समारोह से पहले, 1008 नर्मदेश्वर शिवलिंगों की स्थापना के लिए 14 जनवरी से 25 जनवरी तक अयोध्या में सरयू नदी के तट पर एक भव्य ‘राम नाम महायज्ञ’ आयोजित किया जाएगा। महायज्ञ का संचालन करने के लिए नेपाल से 21,000 पुजारी पहुंचेंगे, जिसमें से 1008 कुटिया अर्थात झोपड़ियों का निर्माण चुका है। एक भव्य यज्ञ मंडप का भी निर्माण किया जाएगा। इसमें 11 परतों वाी छत का निर्माण किया जाना है।
राम मंदिर से 2 किमी दूर सरयू नदी के रेत घाट पर 100 एकड़ में टेंट सिटी बसाई गई है. महायज्ञ का आयोजन नेपाल में बसे अयोध्या वाले बाबा आत्मानंद दास महात्यागी उर्फ नेपाली बाबा द्वारा किया जाएगा। वे कहते हैं, ”मैं यह यज्ञ हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर करता हूं, लेकिन इस साल, हमने राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर इसे बढ़ा दिया है।”
उनके मुताबिक, हर दिन 50,000 भक्तों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है और प्रति दिन लगभग 1 लाख भक्तों के लिए भोज का आयोजन किया जाएगा. महायज्ञ समाप्त होने के बाद 1008 शिवलिंगों को सरयू नदी में विसर्जित किया जाएगा.
महायज्ञ के दौरान 17 जनवरी से रामायण के 24 हजार श्लोकों के जाप के साथ हवन शुरू होगा, जो 25 जनवरी तक चलेगा. प्रतिदिन 1008 शिवलिंगों का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा और यज्ञशाला में बने 100 कुंडों में 1100 जोड़े राम मंत्रों के उच्चारण के साथ हवन करेंगे।उन्होंने बताया कि शिवलिंगों की नक्काशी के लिए मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी से पत्थर लाए गए हैं. वह कहते हैं, ”तराशी का काम 14 जनवरी से पहले पूरा हो जाएगा।”
आत्मानंद दास महात्यागी कहते हैं, ”मेरा जन्म मंदिर शहर के फटिक शिला इलाके में हुआ था और मैं तपस्वी नारायण दास का शिष्य हूं,” उनका दावा है कि नेपाल राजा ने उनका नाम ‘नेपाली बाबा’ रखा था।