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CM योगी आदित्यनाथ ने कहा- मां यशोदा की तरह होती है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

New Delhi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  राष्ट्रीय पोषण माह (01 से 30 सितंबर) के तहत 155 करोड़ रुपये की लागत से 1,359 आंगनबाड़ी केंद्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान बच्चों को खीर खिलाकर अन्न प्रासन भी कराया।  यहां उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की तुलना मां यशोदा से की है।  उन्होंने कहा कि- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की  भूमिका मां यशोदा की तरह है क्योंकि उन्हें मां यशोदा की तरह बच्चों का पालन-पोषण करना होता है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर बच्चो को बच्चों को सुपोषित के साथ शिक्षित भी बनाने की जिम्मेदारी है। कुपोषण किसी व्यक्ति की नही बल्कि समाज की लड़ाई है। सभी को मिलकर यह लड़ाई लड़नी होगी। मिशन मोड पर आंगनबाड़ी केंद्रों को सुदृढ़ किया जाना चाहिए। सांसद और विधायक निधि और सीएसआर फंड से भी आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जा सकता है।

इस खास मौके पर उन्होंने कुपोषित से सुपोषित श्रेणी में आने वाले बच्चों के अभिभावकों को सम्मानित किया और डीबीटी के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते में 29 करोड़ की राशि हस्तांतरित की।

‘राष्ट्रीय पोषण माह’ के अंतर्गत 1,359 आंगनवाड़ी केंद्रों और 171 बाल विकास परियोजना कार्यालयों के लोकार्पण व शिलान्यास और आंगनवाड़ी कार्यकत्री व सहायिकाओं को यूनिफॉर्म हेतु धनराशि अंतरण के कार्यक्रम में कहा कि- यह पोषण माह की छठवीं वर्षगांठ है। कुपोषण का परिणाम ठीक नही होता है। 1977 से लेकर 2017 तक प्रदेश में 50 हजार से अधिक बच्चों की मौत इंसेफलाइटिस से हुई थी। इसमें 2018 से कमी हुई। इसी तरह आपसी समन्वय से कुपोषण को भी समाप्त करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि  बजट की कमी नहीं है। हर ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत के पास निधि है। हर नगर निकाय के पास भी पैसा है। विधायक निधि, सांसद निधि में पैसा है। उद्योगों में सीएसआईआर की निधि है। इन सभी को अगर हम जोड़कर मिशन मोड में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ा दें तो हर आंगनबाड़ी का अपना एक केंद्र अपना एक भवन हो सकता है।

 

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