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पढ़ाई में फिसड्डी थे पर पास कर ली UPSC परीक्षा, इसलिए कहते हैं किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए

New Delhi:  कहते हैं किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए। ये कहानी रवि कपूर पर बिल्कुल फिट बैठती है। पढ़ाई करने में रवि कपूर अच्छे नहीं थे और दसवीं और बारहवीं तक वह 60- 70 फ़ीसदी मार्क्स वाले बच्चों के ग्रुप में थे जो हर साल किसी तरह पास हो जाते थे। इस वजह से अपने माता-पिता के लिए Ravi Kapoor एंबेरेसमेंट की वजह ही बनते थे।

दिल्ली में मिडिल क्लास परिवार के रवि कपूर की मां ने उन्हें पढ़ाने के लिए एक स्कूल में टीचिंग का जॉब शुरू किया। रवि कपूर की भी उसी स्कूल में एडमिशन ले कर पढ़ाई करने लगे, क्योंकि स्कूल में स्टाफ वार्ड को फीस नहीं लगती।

12वीं पास करने के बाद रवि कपूर ने इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया, लेकिन उन्होंने अपने पहले शौक बॉडीबिल्डिंग पर पूरा ध्यान दिया और मिस्टर इंडिया मिस्टर देल्ही जैसे कई प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट किया और मेडल भी जीते। इसके कुछ दिनों बाद ही उन्होंने रग्बी खेलना शुरू किया। दिल्ली में रग्बी की एक टीम में वह शामिल हुए, लेकिन वहां प्रैक्टिस के दौरान कुछ ऐसी दुर्घटना हुई जिसके बाद उनका ध्यान खेलकूद और बॉडी बिल्डिंग से हट गया। रग्बी खेलते हुए उनके चेहरे पर चोट लगी और डॉक्टर ने 21 दिन के बेड रेस्ट के बारे में कहा।

21 दिनों तक बिस्तर पर चुपचाप लेटे-लेटे रवि कपूर ने सोचा कि स्पोर्ट्स और बॉडी बिल्डिंग का करियर चलने वाला नहीं है, क्योंकि इसमें आमदनी नहीं है जिससे परिवार चल सके। Ravi Kapoor को लगा कि इसकी जगह कुछ दूसरा काम करना पड़ेगा। इसके बाद रवि कपूर ने साल 2008 में यूपीएससी देने का फैसला किया। उन्हें यह पक्का पता था कि अगर मैं दिल लगाकर पढ़ाई करूंगा तो पास तो जरूर कर जाऊंगा। इसके बाद नई दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग इंस्टिट्यूट में रवि कपूर ने यूपीएससी की तैयारी की। इसके बाद तो लगातार 3 सालों में तीन बार यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली।

करीब 10 सालों तक आईआरएस की नौकरी करने के बाद रवि कपूर ने जॉब छोड़ दिया और छात्रों को यूपीएससी का की तैयारी करने के लिए कोर्स कंटेंट के साथ वीडियो लेक्चरर्स और फिजिकल लेक्चर देना शुरू कर दिया। इसके बाद रवि कपूर ने यूपीएससी के छात्रों की मदद करने के लिए कई तरह के कोर्स कंटेंट और मटेरियल उपलब्ध कराना शुरू किया।

दिलचस्प तथ्य है कि पिछले महीने जो यूपीएससी के नतीजे आए थे रवि कपूर का गाइडेंस लेने वाले 7 छात्रों ने उस परीक्षा में सफलता हासिल की है और उनका यूपीएससी में सिलेक्शन हो गया है।

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