New Delhi: मध्य प्रदेश के देवास के रहने वाले अमीन मंसूरी दोनों हाथों से विकलांग है, बावजूद इसकेउन्होंने पटवारी की परीक्षा में पैरों से लिखकर पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। वह देश भर में ऐसे युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो थोड़े से कष्ट से हार मान जाते हैं। कठिनाईयों में भी सफलता हासिल कर अमीन ने परिवार का नाम रोशन कर दिया है।
दोनों हाथ ना होने के बावजूद मध्यप्रदेश देवास के आमीन मंसूरी ने पटवारी की परीक्षा पैरों से प्रश्न के उत्तर लिखकर पास की।
सब से बड़ी बात अमीन ने परीक्षा फर्स्ट अटेम्प्ट में निकाली है।— Ashraf Hussain (@AshrafFem) July 3, 2023
देवास जिले के रहने वाले अमीन मंसूरी दोनों हाथों से दिव्यांग हैं। उनके दोनों हाथ नहीं हैं। अमीन के पिता इक़बाल मंसूरी दर्जी हैं। दूसरे कपड़े सिलकर किसी तरह परिवार का खर्च पूरा करते है। उन्हीं के पैसों से परिवार का खर्च चलता है, और अमीन की पढ़ाई होती है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।जन्म से विकलांग होने के बावजूद अमीन ने अपनी कमजोरी को अपने सपनों के आगे रूकावट नहीं बनने दिया। वह बुलंद हौसलों के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया।
अमीन बचपन से ही पढ़ने में अच्छे थे।हाथ नहीं होने कारण वह पैरों से लिखने लगे।इसे अपनी ताकत बनाया।कंप्यूटर भी पैरों से चलाना सीखा।साल 2012 में 11वीं क्लास में सोलर कूकर का एक प्रोजेक्ट बनाया था, जो राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुआ था। इसके लिए अमीन मंसूरी को पुरस्कृत भी किया गया था।
अगर आप भी यह सोचते हैं कि किस्मत की लकीरें हाथों में होती है तो इनसे मिलिए यह है आमीन मंसूरी जी जिनके दोनों हाथ नहीं है इन्होंने पटवारी की परीक्षा अपने पैरों से लिखकर पूरे देवास जिले में फर्स्ट रैंक हासिल की है #MPNews #viral #gurdeepkaur pic.twitter.com/7OlmCpPHhs
— @AnchorGurdeep Kaur (@Deepkaul2) July 4, 2023
उनकी कामयाबी पर उनका परिवार काफी खुश है।वह उन युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं, जो थोड़ी सी मुश्किल में हार मान लेते हैं, लेकिन अमीन मंसूरी ने बता दिया कि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।