New Delhi: अजीम प्रेमजी किसी पहचान के मोहताज नहीं है। देश दुनिया का हर इंसान उन्हें जानता है। वह परोपकार के लिए जाने जाते हैं। एक तरफ जहां लोग कमा कर भी किसी की एक रुपए की मदद नहीं करते हैं, वहीं अजीम प्रेमजी करोड़ों की मदद चंद मिनटों में कर देते हैं। दौलत कमाना आसान है, लेकिन उस दौलत का इस्तेमाल दूसरों के लिए करना सबसे बस में नहीं होता। लेकिन संघर्ष कर अजीम प्रेमजी ने वो मुकाम हासिल कर लिया जहां से वो अब हजारों लाखों लोगों की मदद करने से बिल्कुल नहीं कतराते हैं।
2019-20 में परोपकार कार्यों के लिए हर दिन करीब 22 करोड़ रुपये यानी करीब 7904 करोड़ रुपये का दान दिया। साल 2022-21 में प्रेमजी दानवीरों की लिस्ट में सबसे ऊपर थे। उन्होंने 9713 करोड़ रुपये दान किया। साल 2022 मं उन्होंने रोज 27 करोड़ रुपये का दान किया। हालांकि साल 2022 में वो दानवीरों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर खिसक गए। उन्होंने कुल 484 करोड़ रुपये का दान किया। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, विप्रो और विप्रो एंटरप्राइजेज ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए 1125 करोड़ रुपए दान किए थे। साल 2019 में उन्होंने रिटायरमेंट ले ली। उन्होंने कंपनी की जिम्मेदारी अपने बड़े बेटे रिशद प्रेमजी विप्रो को सौंप दी।
पिता की मौत के बाद सारी जिम्मेदारी अजीम प्रेमदी के हाथों में आई। अपनी मेहनत के दम पर वो देश के बड़े कारोबारियों में शामिल हो गए। आज उनकी कंपनी देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। उन्होंने सिर्फ पैसा ही नहीं कमाया, बल्कि दिल खोलकर दान भी किया। उनकी गिनती देश-दुनिया के बड़े दानवीरों में होती है। ।
अजीम प्रेमजी को इंडिया का बिल गेट्स कहा जाता है। उन्हें सबसे बड़े दानवीर की उपाधि दी जाती है। कारोबार से अरबों की संपत्ति बनाने वाले अजीम प्रेमजी को दौलत का बहुत मोह नहीं है। अपनी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा वो दान कर देते हैं।