New Delhi : एक बनी बनाई धारणा है कि सिविल सेवा परीक्षा वही छात्र दे पाते हैं जो पढ़ने में ब्रिलियेंट होते हैं। अगर आप भी ऐसा ही सोचकर अपने लक्ष्य के सामने अपने को कमजोर महसूस करते हैं तो आपको एक बार सैय्यद रियाज की कहानी जान लेनी चाहिए। कोई सोच सकता है कि 12वीं में फेल हुआ लड़का बढ़िया रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा निकालकर आईएएस अधिकारी बन सकता है। यही कहानी है रियाज की जिन्हें शिक्षक से लेकर समाज के लोग उनकी पढ़ाई के लिए हर वक्त कोसते रहते थे।
“तुमसे कुछ नहीं हो सकता”, ” पढ़ाई लिखाई तुम्हारे बस की बात नहीं है”, “पढ़ाई छोड़ दो और कोई काम देखो” जैसी बातें रोज उन्हें सुनने को मिलती थीं। लेकिन अब रियाज की जिंदगी बदल चुकी है। इस लड़के को जो लोग नकारा समझते थे आज उन्हीं लोगों की आंखों में इनके लिए गर्व है। 2019 में जब वो आईएएस अधिकारी बने तो पूरे गांव ने उन्हें आशीर्वाद दिया।
सैय्यद रियाज अहमद महाराष्ट्र के नासिक के रहने वाले हैं। उन्होंने 2018 की यूपीएससी परीक्षा 261वीं रैंक के साथ पास की है। ये उनका पांचवा प्रयास था। रियाज की जिंदगी एक-दो साल पहले बड़ी निराशा से भरी थी लेकिन अब उनसे जुड़ा हर व्यक्ति उन पर गर्व करता है। ये उनकी जिंदगी में रातों-रात नहीं हुआ। उन्होंने कड़ी मेहनत कर अपने आप को नकारा लड़के से कामयाब और काबिल अधिकारी बनाया है। रियाज का 10वीं के बाद पढ़ाई में रिजल्ट अच्छा नहीं रहता था। उनके टीचर उन्हें जीरो कहा करते थे। 2008 में जब वो 12वीं में थे तो मैथ्स में फेल हो गए थे, इसकी वजह से उन्हें दोबारा परीक्षा देनी पड़ी। इसके बाद तो उनके प्रति लोगों का दृष्टिकोण और भी नकारात्मक हो गया था। लेकिन उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास करके बीएससी में एडमिशन लिया और लगातार खूब मेहनत की।
रियाज के पिता की सरकारी नौकरी थी तो आर्थिक रूप से उनके परिवार ने कभी उन्हें काम करने का दबाव नहीं बनाया। लेकिन रियाज पढ़ाई करते वक्त सोचते थे कि उन्हें जल्द से जल्द सेटल होना है। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी ग्रेजुएशन के साथ ही शुरू कर दी। उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद पूणे युनिवर्सिटी से एमएससी की। इसके बाद उन्होंने परीक्षा में बैठना शुरू किया। उनके पिता उन्हें बड़ा अफसर के रूप में देखना चाहते थे। उन्होंने 2014 में पहला अटेंप्ट दिया लेकिन प्रीलिम्स से ही फेल हो गए। 2015 में जामिया की आईएएस एकादमी में दाखिला तैयारी की फिर परीक्षा दी लेकिन इस बार एक नंबर से रह गए। पास न होने की वजह तैयारी ठीक नहीं होना रही। तब समझा आया खराब स्ट्रेटजी मेन वजह है। फिर प्रीलिम्स के लिए खुद स्ट्रेटजी बनाई और तीसरे प्रयास में प्री निकालने में सफल रहे लेकिन इंटरव्यू में जाकर फेल हो गए।
चौथे प्रयास में भी जब उन्हें सफलता नहीं मिली तो उन्होंने पढ़ाई लिखाई छोड़ने का मन बना लिया। तब उनके पिता ने कहा घबराने की जरूरत नहीं तुम बस तैयारी करो। उन्होंने इस बार तैयारी मन से नहीं की थी इसके बावजूद भी वो परीक्षा पास करने में सफल हुए।
रिजल्ट 2019 में आया था उन्हें 261वीं रैंक मिली थी। उन्होंने चार बार मिली असफलताओं के सामने घुटने नहीं टेके। समाज के ताने सहे लेकिन इन सभी बातों को उन्होंने कभी अपने लक्ष्य के आगे नहीं आने दिया। इसके लिए वो अपने पिता का शुक्रिया अदा करते हैं।