मंदिर खोलने पर रार : गवर्नर बोले उद्धव से- आपको देवीय आदेश प्राप्त हुआ या फिर अचानक सेक्युलर हो गये

New Delhi : महाराष्ट्र में मंदिरों को खोलने को लेकर बवाल मच गया है। सरकार ने केंद्र सरकार के आदेशों की अनदेखी करते हुये मंदिर अभी नहीं खोलने का फैसला किया है। ऐसे में महाराष्ट्र की भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई ने मंदिर खोलने की डिमांड के साथ आंदोलन शुरू कर दिया है। मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सिद्धि विनायक मंदिर में जबरदस्ती प्रवेश करने पर अड़ गये। उन्होंने मंदिर में जबरन प्रवेश करने की कोशिश की तो पुलिस ने उनको बलप्रयोग के साथ बाहर किया। कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। अब वहां पर मंदिर की सियासत काफी तेज हो गई है। लोग मंदिर के मसले पर गोलबंद हो रहे हैं और शिवसेना के नेतृत्व में चल रही अघाड़ी सरकार की बहुत बदनामी हो रही है।

लोगों का ऐसा कहना है कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रभाव में शिवसेना ने हिंदुत्व के एजेंडे से अपने आपको किनारा कर लिया है। मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। बहरहाल इस पूरे मामले में महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी भी शामिल हो गये हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मंदिर खोलने के मसले पर तंजभरी चिट‍्ठी लिखी है। राज्यपाल ने लिखा है- यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोल दिये हैं, लेकिन मंदिर नहीं खोले गये। ऐसा न करने के लिये आपको दैवीय आदेश मिला या अचानक से सेक्युलर हो गये हैं आप।
इसका जवाब उद्धव ठाकरे ने भी तंजभरे लहजे में चिट‍्ठी लिखकर ही दिया है- जैसे तुरंत लॉकडाउन लगाना ठीक नहीं था। वैसे ही तुरंत ही इसे हटाना ठीक नहीं है। और हां, मैं हिंदुत्व को मानता हूं। मुझे आपसे हिंदुत्व के लिये सर्टिफिकेट नहीं चाहिये।

महाराष्ट्र में हालांकि पिछले सात महीने से सारे मंदिर बंद हैं और व्यापक पैमाने पर मंदिरों को खोलने की डिमांड हो रही है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि उद्धव सरकार ने बार और रेस्त्रां को शुरू करने की अनुमति दे दी है, लेकिन मंदिरों को फिर से खोलने का निर्णय नहीं ले रही है। जबकि लाखों लोग चाहते हैं कि मंदिर खुलें। हमारे कार्यकर्ता मंदिरों को खुलवाने के लिए उपवास करेंगे।

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