आपके जज्बे को सलाम : 14 दिन की बच्ची को ले काम पर लौंटी SDM, बोलीं- जिम्मेदारी का एहसास है

New Delhi : कितने अफसरों को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होता है? आसपास की खबरों को देखें। हाथरस जैसे प्रकरण देखें। और दूसरी बड़ी घटनाओं के बारे में भी जानने की कोशिश करें तो एहसास होगा कि अफसरों में सिर्फ अपने पदों के लिये अहंकार बचा है। काम करने में भी सिर्फ अहंकार दिखता है। लेकिन ऐसा नहीं है। आज भी कई अफसर हैं जो अपनी जिम्मेदारी खूब समझते हैं और तमाम विरोधाभासों के बीच कुछ ऐसा कर दिखाते हैं जिससे पूरी दुनिया में उनकी वाहवाही होने लगती है। पूरे समाज में ऐसे अफसर मिसाल पेश करते हैं फिर भी अफसोसनाक बात यह है कि लोग ऐसे अफसरों की कद्र नहीं करते। खासकर शासन को तो अहंकारी अफसर ही पसंद आते हैं जो पब्लिक की कम नेताओं की ज्यादा सुने।

बहरहाल एसडीएम सौम्या पांडेय ने कुछ ऐसा किया है जिससे चहुंओर उनकी ही चर्चा हो रही है। गाजियाबाद के मोदीनगर में तैनात एसडीएम सौम्या पांडे ने एक मिसाल पेश की है। वह अपनी 14 दिन की बच्ची को लेकर काम पर लौंट आई हैं और अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है। एसडीएम की काम के प्रति लगन को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी तारिफ हो रही है।
दरअसल, एसडीएम सौम्या पांडे ने 14 दिन पहले बच्ची को जन्म दिया था अगर वह चाहती तो मैटरनिटी लीव पर रह सकती थी लेकिन कोरोना काल में अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए वह अपने काम पर लौट आई हैं। सौम्या अपनी बच्ची को गोद में लेकर मां का फर्ज तो बखूबी निभा रही है साथ ही प्रशासनिक जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं।

सौम्या का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान उनके अधिकारी और प्रशासन ने काफी मदद की है, ऐसे में वह भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए प्रशासन के लोगों की मदद करना चाहती हैं। एसडीएम ने कहा कि वे गाजियाबाद में जुलाई से सितंबर तक, कोरोना के लिए नोडल अधिकारी थी। सितंबर में उन्हें अपने ऑपरेशन के दौरान 22 दिनों की छुट्टी मिली। डिलीवरी के दो हफ्ते बाद उन्होंने तहसील ज्वाइन कर ली है। उन्होंने ये भी कहा कि प्रत्येक गर्भवती महिला को COVID-19 महामारी के दौरान काम करते समय आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए।

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