हाईकोर्ट का स्वत: संज्ञान, नोटिस, पीड़ितों से बोले DM- मीडिया आज है, कल नहीं होगा, बात मान लो हमारी

New Delhi : उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच ने हाथरस केस में स्वत: संज्ञान लेते हुये राज्य सरकार को नोटिस भेजा है। सरकार से पूरे प्रकरण की डिटेल रिपोर्ट जमा करने को कहा है। इस बीच उत्तर प्रदेश के दो बड़े अफसरों की वजह से योगी सरकार की फिर से किरकिरी हो गई है। हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीन लक्षकार ने पीड़ित के परिजनों खासकर पिता को चेताया- आधे मीडिया वाले आज चले गये, बाकी कल चले जायेंगे। हम ही रहेंगे यहां पर। सोच लो बयान बदलना है या बयान नहीं बदलना है। किसी ने चोरी छिपे डीएम के इस डॉयलोग की वीडियो रिकार्डिंग कर ली और वायरल कर दिया।

जहां जिलाधिकारी मीडिया के गायब होने की बात कर रहे हैं वहीं हालात ऐसे हैं कि पीडिता के गांव को चौतरफा सील कर दिया गया है। मीडिया के लोगों को भी गांव नहीं जाने दिया जा रहा है। आज पीड़िता के परिजनों से मिलने जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को ग्रेटर नोएडा में ही रोक दिया गया। विरोधी दलों ने भी योगी सरकार को बर्खास्त करने की डिमांड शुरू कर दी है। इस घटना को लेकर पूरे देश में उबाल है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार के बयान ने आग में घी का काम किया है। उन्होंने कहा पीडिता के साथ वैसा कुछ भी नहीं हुआ जैसा कहा जा रहा है।
हाथरस प्रकरण में आज गुरुवार की दोपहर उस समय माहौल और गरम हो गया जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद पैदल ही हाथरस जाने लगे। पुलिस ने जब उन्हें रोका और वे नहीं रुके तो धक्का दिया गया जिससे राहुल गांधी जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद बहुत तमाशा हुआ। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना के बाद राहुल गांधी ने कहा- मैं पूछना चाहता हूं, क्या इस देश में केवल मोदी जी ही चल सकते हैं? उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस में 31 अक्टूबर तक धारा 144 प्रभावी कर दिया है।

इधर अब इस मामले में बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में तत्काल राष्ट्रपति शासन कायम करने की जरूरत है। योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर मठ भेजा जाये या फिर राम मंदिर निर्माण कराने की जवाबदेही दी जाये। उत्तर प्रदेश का राजकाज उनसे नहीं संभल रहा। कांग्रेस और सपा ने भी विरोध तेज कर दिया है।

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