New Delhi : अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के साथ ही काशी और मथुरा के मंदिरों को भी वहां के मस्जिदों से मुक्त कराने के प्रयास शुरू हो गये हैं। तमाम हिंदूवादी संगठनों और साधु संतों ने बैठक कर यह निर्णय लिया है कि काशी मथुरा के लिये प्रयास तेज करना होगा। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी डिमांड की गई थी कि अब समय आ गया है कि काशी-मथुरा में भी प्रभु को मुक्त कराया जाये। यही नहीं तमाम संगठन काफी समय से इसकी मांग करते आ रहे हैं और सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिल रहा है।
कटरा केशव देव वही क्षेत्र है, जहाँ राजा कंस के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था,
और मस्जिद के नीचे ही वो पवित्र स्थल स्थित हैऔरंगजेब ने 1669-70 में मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था#Mathura #SriKrishnahttps://t.co/H0pAQR4lXX
— सिंहSingh 2.0🇮🇳 (@VisitorA8Planet) September 26, 2020
Srikrishna Virajman on Friday filed a civil suit in a Mathura court seeking ownership over entire 13.37 acres of Krishna Janmabhumi land and removal of Shahi Idgah Masjid. #ShriKrishna
— Prakaash Gurjar (@PrakaashGurjar) September 26, 2020
BJP govt in Uttar Pradesh has registered FIR against Acharya Dev Murari Bapu, who is Chairman of the Shrikrishna Janmabhumi Nirman Nyas.
Govt has said that his speeches for reclaiming Krishnajanmasthan incited communal hatred.https://t.co/lDzdUbh3Pp#ReclaimTemples
— Reclaim Temples (@ReclaimTemples) September 23, 2020
Remove Shahi Idgah Adjacent to Krishna Janmasthan Temple, Says Plea in Mathura Court #Mathura #Shahiidgah #KrishnaJanmsthan #KrishnaJanmabhoomi https://t.co/8cNroprLwI
— LatestLY (@latestly) September 26, 2020
बहरहाल भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के नाम से दीवानी का केस लोअर कोर्ट में दर्ज कराया गया है। श्रीकृष्ण विराजमान ने भी मथुरा की कोर्ट में 13.37 एकड़ भूमि को लेकर सिविल मुकदमा दायर किया है। इसके बगल से शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की मांग की गई है। यह केस भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की सखा रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य लोगों के नाम से दायर किया गया है।
श्रीकृष्ण विराजमान की इस केस पीटिशन में जमीन को लेकर 1968 के समझौते को गलत बताया गया है। याचिका दायर करनेवाले विष्णु शंकर जैन और रंजना अग्निहोत्री आयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि वाले केस से भी जुड़े हैं। पीटिशन में कहा गया है कि श्रीकृष्ण विराजमान को वह जमीन वापस चाहिये जिस पर मुगल काल में कब्जा कर शाही ईदगाह बना दी गई थी। शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुकदमे में एक बड़ी रुकावट प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 है। इस एक्ट के मुताबिक आजादी के वक्त 15 अगस्त 1947 को जो धार्मिक स्थल जिस संप्रदाय का था, उसी का रहेगा। इस एक्ट के तहत श्रीरामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को छूट दी गई थी।