New Delhi : कई लोगों की पढ़ाई के आड़े उनके घर के हालात दीवार बनकर सामने खड़े होते हैं, इसके बावुजूद भी वे अपने सपनों से समझौता नहीं करते। आपने भी कई छात्रों को अपनी पढ़ाई करने के साथ-साथ कोई पार्ट टाईम काम करते देखा होगा। छात्र 12वीं और कॉलेज तक की पढ़ाई तो छोटे-मोटे काम करते हुए कर लेते हैं। लेकिन बात जब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने की होती है तो परीक्षा को पास करने के लिए पढ़ाई पर ही पूरा ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है। और जब बात सिविल सेवा जैसी कठिन परीक्षाओं की होती है तो कोई छात्र शायद ही इसमें लापरवाही बरते।
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— IMS New Delhi (@ims4maths) April 23, 2019
इस परीक्षा को क्लियर करने के लिए नौकरी करना तो दूर कई सालों तक अपना पूरा समय देने के बाद भी छात्रों के हाथ सफलता नहीं लगती। लेकिन आज हम आपको इस धारणा को तो़ड़ने वाले ऐसे IAS ऑफिसर के बारे में बताएंगे जिन्होंने नौकरी करते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और अच्छी रेंक भी पाई।
इनका नाम है जीएसएस प्रवीणचंद जो कि आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं। घर के आर्थिक हालात ठीक नहीं थे। ग्रेजुएशन करने के बाद घरवाले प्रवीणचंद से नौकरी के लिए अपेक्षाएं रखने लगे। उन्होंने भी घर के हालात देखते हुए आगे पढ़ाई करने के बजाए नौकरी करना सही समझा लेकिन उन्होंने अपने सपनों से समझौता नहीं किया। नौकरी करते हुए ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और 2018 में उन्हें अपने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल हुई। उन्हें ऑलओवर 64वीं रेंक मिली जिससे वो टॉपर्स की लिस्ट में अपना नाम जो़ड़ने में कामयाब रहे। प्रवीणचंद इंजीनियरिंग बेकराउंड के हैं। आंध्रप्रदेश से अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अपना ग्रेजुएशन आईआईटी पटना से पूरा किया। यहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और एक टेक कंपनी में अच्छे पद पर नौकरी ज्वॉइन कर ली और काम करने लगे।
प्रवीणचंद ने नौकरी के बीच अपने सपने को कभी मरने नहीं दिया। उन्होंने फैसला किया कि वो यूपीएससी की तैयारी बिना कोचिंग नौकरी करते हुए ही करेंगे। इसके लिए उन्होंने अपना टाइम टेबल बनाया जिसमें उनके सोने के लिए मात्र 5-6 घंटे ही निर्धारित थे। वो सुबह 4 बजे उठकर 9 बजे तक अपनी पढ़ाई करते जिसके बाद वो ऑफिस जाते। अपने द्वारा बनाए गए नोट्स को वो मोबाईल में सेव कर लेते और ऑफिस जाने के रास्ते में और ऑफिस में टाइम मिलने पर पढ़ लेते थे। ऑफिस से आने के बाद वो खाना खाकर रात 11 से 12 बजे तक पढ़ाई करते थेे। इसी तरह उन्होंने दो साल तक परीक्षा की तैयारी की। उन्हें पता था कि यूपीएससी का सिलेबस बड़ा होने के कारण उसकी तैयारी के लिए समय चाहिए होता है।
These security staff of Government General Hospital, Anantapur have been working tirelessly each and every day. Hats off to their commitment and determination. pic.twitter.com/alHVSd5KW8
— G Surya (@gsuryaIAS) September 9, 2020
To all the soldiers who laid their lives for the country fighting at India-China border, a big salute 🙏🏾
Your sacrifices will be remembered forever #IndianArmy #Martyred pic.twitter.com/0EQEk1Z8iQ
— G Surya (@gsuryaIAS) June 17, 2020
There is a counselling room to provide required guidance for family matters and other disputes.
Most importantly, It has many women police staff. Really important for creating trust in the female victims. @APPOLICE100 pic.twitter.com/xQGKlKawuz
— G Surya (@gsuryaIAS) June 16, 2020
प्रवीणचंद ने नौकरी करते हुए ही काफी सिलेबस कवर कर लिया था। नौकरी करते हए ही वो दो बार परीक्षा में असफल भी रहे थे। लेकिन जब उनको यकीन हो गया कि उन्होंने परीक्षा के सिलेबस की पूरी तैयारी कर ली है तो उन्होंने 2018 में फिर परीक्षा दी इस बार वो चूकना नहीं चाहते थे, इसलिए उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ नौकरी से इस्तीफा दिया और परीक्षा की बाकी की तैयारियों में लग गए। इस बार उन्होंने प्रीलिम्स लेकर इंटरव्यू सभी परीक्षाएं अच्छे अंकों के साथ पास की और जब परिणाम आया तो उनका नाम लिस्ट में 64वें नंबर पर लिखा हुआ था। उनकी मेहनत सफल हो गई थी।