New Delhi : बॉलीवुड में चल रहे तमाम विवादों के बीच नये बॉलीवुड बसाने की पहल भी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को नोएडा या ग्रेटर नोएडा प्राधिकार क्षेत्र में फिल्म उद्योग बसाने के लिये जगह खोजने का निर्देश दिया है। उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर इस दिशा में काम करने का निर्देश दिया है। सीएम योगी के इस फैसले का चहुंओर स्वागत हो रहा है। बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत ने उनके इस फैसले का स्वागत करते हुये कहा- मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फैसले का स्वागत करती हूं। अगर हमें देश में फिल्मों को बढ़ावा देना है तो हमे एक एकीकृत फिल्म इंडस्ट्री की जरूरत है जिसमें कई फिल्म इंडस्ट्री हों।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं कि इन तीनों में से किसी एक प्राधिकरण में फिल्म सिटी के निर्माण के लिए भूमि की व्यवस्था की जाए।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 19, 2020
I applaud this announcement by @myogiadityanath ji.We need many reforms in the film industry first of all we need one big film industry called Indian film industry we are divided based on many factors, Hollywood films get advantage of this. One industry but many Film Cities 👍2/2
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 19, 2020
We need to save the industry from various terrorists
1) Nepotism terrorism
2) Drug Mafia terrorism
3) Sexism terrorism
4) religious and regional terrorism
5) Foreign films terrorism
6) Piracy terrorism
7) Labourer’s exploitation terrorism
8) Talent exploitation terrorism— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 19, 2020
Films have an ability to bring the entire nation together but @PMOIndia let’s first please bring these many industries together who have individual identities but not a collective identity please join them together like Akhand Bharat and we will make it number one in the world 🙏 https://t.co/Ut2axQG1OR
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 19, 2020
कंगना रनौत ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये और कहा कि फिल्म इंडस्ट्री को बचाने के लिये हर स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने ट्वीट किया – लोगों की यह गलतफहमी है कि भारत में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री सबसे बड़ी है। जबकि सच्चाई यह है कि तेलगु फिल्म इंडस्ट्री सबसे बड़ी है। अब तो कई हिंदी फिल्में हैदराबाद स्थित रामोजी राव स्टूडियो में शूट होते हैं। लेकिन अपने ही देश की रीजनल भाषाओं में बननेवाली फिल्मों को पैन इंडिया रिलीज नहीं होने दिया जाता क्योंकि थियेटर्स पर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का कब्जा है। यही नहीं हालीवुड फिल्मों को हिंदी फिल्मों की तरह ही पैन इंडिया रिलीज मिलता है क्योंकि मीडिया के जरिये यह परसेप्शन बनाया गया है कि हालीवुड की फिल्में उत्कृष्ट होती हैं। इसलिये जरूरी है कि एक एकीकृत इंडस्ट्री हो।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्विटर हैंडल से नोएडा या ग्रेटर नोएडा में बॉलीवुड के लिये जगह खोजने की बात कही गई। योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नोएडा में विश्वस्तरीय फिल्म इंडस्ट्री का निर्माण किया जायेगा।
उत्तर प्रदेश और सभी हिंदी भाषी राज्यों के कलाकारों के लिए शुभ-सूचना. @UPGovt और माननीय @myogiadityanath जी ने हमारी आवाज़ सुनी. अब आपकी भाषा का सिनेमा आपके प्रदेश में निर्मित होगा. ये आपके संघर्ष के एक कठिन अध्याय का अंत और उत्तर प्रदेश में एक नए इतिहास का आरम्भ है. बधाई. pic.twitter.com/NIIXHrwhuk
— Manoj Muntashir (@manojmuntashir) September 19, 2020
भाई @sardanarohit… ये कामयाबी आप जैसे निर्भीक पत्रकारों की है, जो मेरे जैसी politically incorrect आवाज़ों को मंच देते रहे। https://t.co/O9WaMt0nhK
— Manoj Muntashir (@manojmuntashir) September 19, 2020
दो दिन पहले ही ख्याति प्राप्त गीतकार मनोज मुंतशिर ने कहा था- बेहद आश्चर्य जनक बात है कि तमिल फिल्में तमिलनाडु में बनती हैं, तेलगु फिल्में तलंगाना में बनती हैं और हिंदी फिल्में महाराष्ट्र में। हम बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश से बस्ता उठाकर मुम्बई आ जाते हैं काम करने के लिये। कभी ये नहीं सोचते हैं कि हिंदी फिल्मों की मार्केट तो यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा हैं। अब समय आ गया है कि हिंदी को उसका हक मिले। उत्तर प्रदेश में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री स्थापित हो।