New Delhi : पिछले साल हमें गणतंत्र दिवस की परेड में असम राइफल की महिला टुकड़ी के नेतृत्व में ‘नारी शक्ति’ का भी गौरवशाली प्रदर्शन देखने को मिला, जिसने पहली बार राजपथ पर कदमताल कर इतिहास रच दिया। इस परेड में मेजर खुशबू कंवर असम राइफल्स की महिला टुकड़ी की कमांडर थीं। एक बच्चे की मां 30 वर्षीय मेजर खुशबू के नेतृत्व में देश के सबसे पुराने अर्द्धसैनिक बल असम राइफल्स की 147 महिला सैनिकों की टुकड़ी ने राजपथ पर नारीशक्ति का गौरव पेश किया। राजपथ पर पहली बार 183 साल पुरानी असम राइफल्स के महिला दस्ते ने अपना दमखम दिखाया।
Geetika Swami, says that for her, Major Khushbu Kanwar, daughter of a bus conductor, who has led an all women contingent of Assam Rifles, is the Lakshmi of India: #PMonAIR #MannKiBaat #BharatKiLaxmi pic.twitter.com/GBU06YKlZ4
— All India Radio News (@airnewsalerts) October 27, 2019
बता दें कि असम राइफल्स की स्थापना 1835 में हुई थी। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार असम राइफल्स की महिला टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लिया। मेजर खुशबू कंवर ने कहा, असम राइफल की महिला टुकड़ी का नेतृत्व करना मेरे लिये बेहद सम्मान और गर्व की बात है। हमने कठिन अभ्यास किया था। अगर मैं ऐसा कर सकती हूं तो कोई भी लड़की अपना सपना पूरा कर सकती है। दूसरी महिलाओं को बताना चाहती हूं कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। खुशबू ने बताया, ”मैं राजस्थान से एक बस कंडक्टर की बेटी हूं। मेरी इस उपलब्धि पर मेरे पिता गर्व करते हैं। पिता ने अपनी जिंदगी में जितना संघर्ष किया है, उसके एवज में यह उनके लिए एक छोटा-सा तोहफा है।”
मेजर खुशबू मौजूदा समय में मणिपुर राज्य के उखरुल में तैनात हैं। जयपुर में जन्मीं खुशबू के ससुर महेंद्र सिंह सेना के रिटायर्ड कैप्टन हैं। उनका विवाह मेजर राहुल तंवर से हुआ है। खुशबू कंवर ने 2012 में कमीशन प्राप्त किया और वे 2018 में मेजर बनीं। एमबीए करने वाली खुशबू का रुझान शुरू से ही सेना की तरफ था।
PM mentioned the story of Kodipaka Ramesh's mother; Major Khushbu Kanwar, daughter of a bus conductor, who has led an all women contingent of Assam Rifles; and the 92-year-old woman who has been offering free drinking water to passengers at Gwalior Railway Station pic.twitter.com/EphCuXYwOz
— PIB in Jharkhand 🇮🇳 (@RanchiPIB) October 27, 2019
गणतंत्र दिवस पर महिला सैनिकों के दस्ते का नेतृत्व कर अपनी क्षमता का पदर्शन करने वाली मेजर खुशबू कंवर ने इस परेड के लिए तकरीबन 6 महीने तक लगातार कड़ी मेहनत की। वह अपने महिला दस्ते के साथ अलसुबह जागकर मैदान में 8 से 10 घंटे अभ्यास करती थीं। साथ ही हर दिन 12 से 18 किलोमीटर की दूरी तय करती थीं।