ध्वनि की रफ्तार से 6 गुना तेज- भारत ने हासिल की हाइपरसोनिक तकनीक, यूएस-रूस के समकक्ष भारत

New Delhi : भारत ने तकनीक के क्षेत्र में आज आसामान पर इतिहास लिख दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर खुशी जाहिर करते हुये कहा है कि हमारे वैज्ञानिकों ने वो कर दिखाया है जो विश्व के कुछ चुनिंदा देश ही आज तक कर पाये हैं। वैज्ञानियों ने देश का मान बढ़ाया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों ने भी वैज्ञानिकों की प्रशंसा की है। दरअसल हमारे देश के वैज्ञानिकों ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोन्स्ट्रेटर देश में तैयार करने में कामयाबी हासिल की है। इसे डीआरडीओ ने तैयार किया है। सोमवार 7 सितंबर को ओडिशा के बालासोर के एपीजे अब्दुल कलाम रेंज में इसका सफल परीक्षण किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट‍्वीट किया – हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी डेमोनस्ट्रेटर व्हीकल के आज सफल उड़ान के लिये डीआरडीओ को बधाई। हमारे वैज्ञानिकों द्वारा विकसित स्क्रैमजेट इंजन ने उड़ान को ध्वनि की गति से छह गुना अधिक रफ्तार प्रदान करने में सक्षम बनाया है। बहुत कम देशों के पास आज इस प्रकार की क्षमता है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी देश के वैज्ञानियों को इसके लिये बधाई दी। राजनाथ सिंह ने ट‍्वीट किया- मैं प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने और यह उपलब्धि हासिल करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान की टीम को बधाई देता हूं। मैंने इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की है और उन्हें बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है।
बता दें कि हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोन्स्ट्रेटर को स्क्रैमजेट इंजन की मदद से लॉन्च किया गया है। भारत यह तकनीक हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन भी यह तकनीक तैयार कर चुके हैं। भारत अब अगले पांच साल में हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार कर सकेगा। हाइपसोनिक मिसाइलें एक सेकंड में 2 किमी तक वार कर सकती हैं। इनकी रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से 6 गुना ज्यादा होती है। भारत में तैयार होने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलें देश में तैयार की गई स्क्रैमजेट प्रपुल्सन सिस्टम से लैस होंगी।

विव विजयी इस परियोजना की अगुआई डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्‌डी और उनकी हाइपरसोनिक मिसाइल टीम ने की। इसे सोमवार सुबह 11.03 बजे लॉन्च किया गया। टेस्टिंग की प्रक्रिया करीब पांच मिनट तक चली। परीक्षण में यह लॉन्च व्हीकल कंबशन चेम्बर प्रेशर, एयर इन्टेक और कंट्रोल जैसे मापदंडों पर सही पाया गया।

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