New Delhi : शेफाली वर्मा भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए सबसे कम उम्र में इंटनेशनल खेलने वाली लड़की। वो लड़की जिसने क्रिकेट के मास्टर सचिन का रिकॉर्ड तोड़ा। वो लड़की जिसे जब लड़की होने के कारण ट्रेनिंग एकेडमी में नहीं लिया गया तो वो बाल कटाकर लड़कों जैसा गेट अप बनाकर पहुंच गई ट्रेनिंग लेने। वो लड़की जिसने 15 साल की उम्र में अपनी उम्र से दोगुने खिलाडियों के रिकॉर्ड तोड़े। अभी इसी साल टी-20 विश्व कप में जब उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ ताबड़तोड़ पारी खेली तो वो मीडिया में छा गई थीं।
Playing her first @T20WorldCup match, 16-year-old Shefali Verma smashed 29 off 15 balls, including 16 off one over bowled by Megan Schutt, the @MRFWorldwide No.1 ranked T20I bowler 💥@oppo | #ClearinEveryShot | #T20WorldCup pic.twitter.com/rFWBV8qxe9
— ICC (@ICC) February 21, 2020
"She’s just an amazing talent, she’s only 15 years old, and she’s got so much power."
Australia A coach Leah Poulton is in awe of teenage India batter Shafali Verma 👇 https://t.co/6IhKyHMonN
— ICC (@ICC) January 2, 2020
I remember thinking Smriti Mandhana is like Ganguly through the off side. Well, Shafali Varma is going to be like Sehwag then. Now if Harmanpreet gets going, this will be an even more formidable line up.
— Harsha Bhogle (@bhogleharsha) February 24, 2020
15 साल की उम्र में ज्यादातर बच्चों को ये पता नहीं होता कि उन्हें करना क्या है। लेकिन अपने सपने को लेकर शेफाली 7 साल की उम्र से ही क्लियर थीं। इसी का नतीजा है कि उन्हें मात्र 15 साल की उम्र में पूरी दुनिया जानने लगी। यहां तक का सफर संघर्ष भरा तो रहा ही साथ ही काफी रोचक भी रहा।
शेफाली हरियाणा के रोहतक की रहने वाली हैं। उनके पिता संजीव वर्मा एक सुनार हैं, लेकिन वो सुनार नहीं जिनकी जिनकी आमदनी लाखों में होती है, छोटे से कस्बे में उनकी दुकान होने के कारण उनकी आमदनी कोई खास नहीं थी। हां ये है कि घर का गुजारा ठीक तरीके से हो जाता था। उनके पिता खुद क्रिकेटर बनना चाहते थे। नहीं बन पाए तो अपने बेटे और बेटी को रोज सुबह क्रिकेट खिलाने ले जाया करते। बेटी शेफाली को तो जैसे क्रिकेट विरासत से ही मिला हो बस सिखाने की जरूरत थी। सिखाने का काम किया उनके पापा ने। वो जब अपनी बेटी को क्रिकेट खिलाते थे तो लोग कहते थे कि लड़की को क्रिकेट क्यों खिला रहे हैं लड़के को खिलाइये वही नाम रोशन करेगा। पिता संजीव ने अपने बच्चों को काबिल बनाने के लिए हर संभव कोशिश की।
जब शेफाली बड़ी हुईं और उन्हें अच्छे ट्रेनर की जरूरत हुई तो उनके पिता उन्हें हरियाणा की सभी क्रिकेट एकेडमी में लेकर गए लेकिन लड़की होने के कारण किसी ने भी उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया। फिर क्या था उनके पिता ने शेफाली के बाल कटवाए और लड़कों का गेटअपर करा कर ट्रेनिंग एकेडमी में भर्ती करवा दिया।
पिता के इस कदम ने शेफाली का जीवन बनल दिया एकेडमी से ट्रेनिंग लेकर वो जोनल, स्टेट और फिर नेशनल के लिए खेलने लगी। आज आईसीसी महिला टी 20 विश्व कप 2020 में पहले तीन मैचों के बाद शैफाली वर्मा भारत के लिए शीर्ष स्कोरिंग बल्लेबाज हैं। अब वह एक एकल आईसीसी महिला टी 20 विश्व कप में सबसे अधिक स्ट्राइक-रेट पर रन बनाने का रिकॉर्ड रखती है।