New Delhi : क्रिस गेल वेस्ट इंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज जो कि परिचय के मोहताज नहीं हैं। दुनिया में जो भी थोड़ी बहुत क्रिकेट में रुचि रखता होगा क्रिश गेल की आक्रामक बल्ले बाजी के बारे में जरूर जानता होगा। उनके फेन पूरी दुनिया में मौजूद हैं। भारत में जब क्रिश गेल को लोग बेटिंग करते देखते हैं तो अक्सर कहते हैं अब चलेगी गेल की रेल। रन मशीन, सिक्स हिटर गेल आज दुनिया के सबसे अमीर खिलाड़ियों में शुमार किए जाते हैं। अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने दौलत के साथ शोहरत भी खूब कमाई है। लेकिन क्रिश गेल का यहां तक का सफर काफी दुख भरा और प्रेरणादायी रहा।
Chris Gayle Spills The Beans On His Open Heart Surgery, Childhood Struggles In His book https://t.co/G8VbC7OVlh pic.twitter.com/cPMXjmxCnj
— Postpickle (@postpickle) September 10, 2016
उन्होंने अपने बचपन में इतनी गरीबी देखी कि उन्हें खुद सड़कों पर कूड़ा बीन कर गुजारा करना पड़ा। उनकी मां घर पर चिप्स बनाकर बाजार में खुद बेचने जाया करती थी। अपनी मेहनत और हुनर के दम पर गेल ने न सिर्फ अपने परिवार के दुख दूर किए बल्कि अपने देश का नाम भी पूरी दुनिया में रौशन किया। आइये जानते हैं सबके चहिते क्रिश गेल के यहां तक के सफर के बारे में।
क्रिस गेल का जन्म वेस्ट इंडीज के जमाइका में 1979 में हुआ था। जहां उनका परिवार रहता था वो बहुत ही अविकसित क्षेत्र था जहां मूल सुविधाएं भी नहीं होती थी। उनका 10 सदस्यों का बड़ा परिवार था। पिता पुलिस में थे तो ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ी लेकिन बाद में उनका परिवार किसी कारण कर्जे में डूबता गया। इस कारण उनकी मां को भी काम करना पड़ा। उन्होंने घर में ही चिप्स बनाकर बाजार में बेचे। क्रिश गेल ने एक इंटरव्यू में खुद कहा है कि कुछ दिन तो उनका परिवार गंभीर आर्थिक संकट से गुजरा था जिस कारण क्रिश अपने क्षेत्र के बाकी बच्चों के साथ कूड़ा बीनने निकल जाते थे। उन्होेेंने ये भी बताया कि गरीबी के कारण उन्हें बचपन में कई बार चोरी भी करनी पड़ी। क्रिश बचपन से ही क्रिकेट खेलते थे। वो स्कूल से ज्यादा अपना समय क्रिकेट पिच पर बिताते थे।
1999 में, क्रिस गेल ने वेस्ट इंडीज टीम में स्थान बनाने के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया। उनकी खेलने की शैली टीम प्रबंधन के साथ अच्छी तरह से गूंजती थी। जुलाई 2001 में क्रिस अपने देश में एक सफल क्रिकेटर के रूप में सबके दिलों पर छा गए। इस साल उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ 175 रन बनाए थे। उन्होंने डैरन गंगा के साथ सबसे लंबी ओपनिंग साझेदारी का रिकॉर्ड भी बनाया, जो 214 रन का था। इस अद्भुत दस्तक के बावजूद, क्रिस को राष्ट्रीय टीम के लिए नियमित खिलाड़ी नहीं माना जाता था, क्योंकि यह शतक जिम्बाब्वे के खिलाफ था, जो एक कमजोर टीम थी।
साल 2002 में वो समय आआ जब उन्हें नेशनल टीम का हिस्सा बनाया गया। इस साल के आखिर में उन्होंने भारत के खिलाफ एक श्रृंखला में तीन शतक बनाए और वो एक साल में 1000 रन बनाने वाले तीसरे वेस्ट इंडियन क्रिकेटर बने। उन्होंने ब्रायन लारा और सर विवियन रिचर्ड्स जैसे सर्वकालिक महान खिलाड़ियों की लीग में प्रवेश किया। इसके बाद तो क्रिकेट ने अपनी बल्लेबाजी के दम पर वो रिकॉर्ड बनाए जो विश्व स्तर के थे। जब आईपीएल की शुरुआत हुई तो वो अपनी विस्फोटक बल्ले बाजी के दम पर बच्चे बच्चे की जबान पर छा गए। भारतीय खिलाड़ियों से ज्यादा एक समय वो सभी के पसंदीदा बन गए।