New Delhi : सम्मेलन में शामिल होने के लिये रूस गये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज 4 सितंबर को चीन के रक्षा मंत्री के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात का इंतजार पिछले चार महीने से हो रहा था। खासकर लद्दाख एलएसी पर विवाद बढ़ने के बाद ऐसा होना लाजमी जान पड़ रहा था। लेकिन चीन की वादाफरोशी से कदम आगे नहीं बढ़ रहे थे। बार-बार आश्वासन के बाद भी एलएसी में चीनी सेना छिपकर घुसपैठ करने की कोशिश कर रही है। इन परिस्थितियों में जब राजनाथ अपने शिष्टमंडल के साथ चीनी मिनिस्टर से मिले तो साफ कर दिया कि वो जमीन हमारी है और दखल भी हमारा ही रहेगा।
Sergei Shoigu expressed confidence that international military cooperation will intensify after this meeting, and the results of the meeting will become a solid basis for deepening interaction between defence departments: Ministry of Defence of Russian Federation https://t.co/rVZ5mGBEUc
— ANI (@ANI) September 4, 2020
हालांकि देर रात तक मीटिंग के डिटेल्स सामने नहीं आये हैं। चूंकि आर्मी अफसरों की बैठक अनवरत चल रही थी इसलिये ऐसा माना जा रहा है कि उनको बैठकों के फैसलों पर अमल पर ही ज्यादा जोर होगा। बहरहाल पूरे देश को मीटिंग के नतीजों का इंतजार है। इससे पहले राजनाथ ने मॉस्को एससीओ-सीएसटीओ-सीआईएस मेंबर्स की ज्वाइंट मीटिंग को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन रीजन में सुरक्षा और स्थिरता के लिये भरोसे का माहौल, गैर-आक्रामकता, इंटरनेशनल नियमों का सम्मान और मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान बेहद जरूरी है।
चीनी रक्षामंत्री के सामने हिंदुस्तान के रक्षामंत्री की body language सब बयां कर रही है।
“ये ज़मीन हमारी है, तुम्हारा क्या काम”… pic.twitter.com/kZ2E4vUxRs
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) September 4, 2020
World's first registered Russian Vaccine against #COVID19 was presented to the Defence Ministers of Shanghai Cooperation Organization (SCO), Commonwealth of Independent States (CIS), countries of Collective Security Treaty Organization (CSTO), & Republic of Serbia: MoD Russia pic.twitter.com/cdd47BmZBm
— ANI (@ANI) September 4, 2020
राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा – आज मैं फिर से दोहराता हूं कि भारत ग्लोबल सिक्योरिटी आर्किटेक्चर के विकास के लिये कटिबद्ध है। पर्शियन गल्फ रीजन के हालातों पर चिंता जाहिर की। अफगानिस्तान के हालात पर बोलते हुये कहा – अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति अब भी चिंता का सबब बनी हुई है। शांति प्रक्रिया में भारत अफगानिस्तान के लोग और उनकी सरकार का समर्थन करता रहेगा।