New Delhi : 108 सिद्ध पीठों में से एक मां पूर्णागिरी मंदिर टनकपुर से 21 किमी दूर है। नवरात्र में मां के इस मंदिर में भक्तों का तांता लग जाता है। अपनी बिगड़ी तकदीर बनाने हजारों भक्त हर साल यहां पहुंचते हैं। नेपाल बॉर्डर पर पड़नेवाला टनकपुर क्षेत्र उत्तराखंड के चंपावत जिले में पड़ता है। जहां हरे-भरे पहाडों में पूर्णागिरी का निवास स्थान है। यहां हर साल हजारों भक्त मुरादें मांगने आते हैं। विशेष रूप से मार्च के महीने में चैत्र नवरात्रि के दौरान देश के भी इलाकों से बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु आते हैं।
Purnagiri Devi Temple is one of the 52 Shakti Peethas. It is situated on the right bank of the river Kali in the district of Champawat. A 3 km track leads from Tunyas( 17km from Tunakpur) to the Purnagiri temple. It is dedicated to goddess Purnagiri Devi. pic.twitter.com/LxD4evG3xu
— Ravel Roads (@ravelroadss) July 16, 2020
हर साल यहां भक्तों के आने का सिलसिला लगा रहता है। चैत्र नवरात्र से शुरू होने वाला मां पूर्णागिरी का यह मेला जून माह तक चलता है। मंदिर में पहुंचने के लिए टैक्सी द्वारा ठूलीगाड़ जाते हैं। जहां से मां पूर्णागिरी की पैदल यात्रा शुरू हो जाती है। ठूलीगाड़ से कुछ दूर हनुमान चट्टी पड़ता है। यहां आपको अस्थायी दुकान और आवासीय झोपड़ियां दिखाई देंगी। फिर तीन किमी. की चढ़ाई चढ़ने के बाद आप पूर्णागिरी मंदिर पहुंच जाएंगे। जहां से आप टनकपुर की बस्ती और कुछ नेपाली गांवों देख सकते हैं।
यहां से काली नदी को भी ऊंचाई से देखा जा सकता है। मां पूर्णागिरी की पूजा के बाद लोग भी उसके वफादार भक्त ब्रह्म देव और नेपाल में स्थित सिद्घनाथ की पूजा करते हैं। उनकी पूजा किए बिना मां पूर्णागिरी के दर्शन पूरे नहीं माने जाते हैं। यह मंदिर टनकपुर, लखनऊ, दिल्ली, आगरा, देहरादून, कानपुर और अन्य जिलों के साथ सीधी बस सेवा द्वारा जुड़ा हुआ है। दिल्ली से टनकपुर के लिए सीधी बस है।
#PurnagiriHills known for purnagiri mata which is a siddha peeth. The navel of Sati, the daughter of Daksha Prajapati and the ardhangini of Shiva, fell here #IncredibleIndia pic.twitter.com/cqH2wTburj
— #IncredibleIndia (@in_incredible) May 16, 2020
टनकपुर पहुंचने के बाद टैक्सी से पूर्णागिरी जा सकते हैं। यह टैक्सी टनकपुर में उपलब्ध होती हैं। इसके साथ ही आप अपने वाहन से भी यहां जा सकते हैं। यात्रा से लौटने के बाद आप टनकपुर स्थित बस स्टेशन के पास स्थित होटलों में रुक सकते हैं।