New Delhi : जैसा कि हम सभी जानते ही हैं कि हमारे भारत देश में कई सारे धार्मिक स्थल है। यहां आपको हर कदम पर मंदिर देखने को मिलते हैं। ऐसे में आपने माता के बहुत से मंदिर देखे व सुने होंगे लेकिन उन कुछ खास मंदिरो में सबसे पवित्र मंदिर माता वैष्णो देवी के मंदिर को माना जाता है। मां वैष्णो देवी का मंदिर जम्मू के पास स्थित है। वैष्णो देवी यात्रा इसी हफ्ते फिर से शुरू हुई है। कोरोना की वजह से पांच महीने से वैष्णो देवी की यात्रा बंद हो गई थी और अब जब यात्रा शुरू हुई है तो कटरा में जीवन पटरी पर लौट रही है। आइये आज जानते हैं इनके बारे में।
My saakshaat pranaams to this blissful darshan of Shri Vaishno Devi Maata- Gufa Darshan.. Jai Maata Di 🙏
Sai bhakt,
Deepa H pic.twitter.com/kBf2sD8zuy— Deepa_H (@Deepa_H) April 1, 2020
HAMAREY MATA VAISHNO DEVI SAB JAGAT KA KALYAN KER HUMKO DARSAN MAA NAHI TO JEVAN MUKTHI JAI MATA DI pic.twitter.com/HkdUziNxWR
— MATA VAISHNO DEVI (@MATAVAISHNODEV2) August 20, 2020
इस मंदिर में मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और महाकाली तीन भव्य पिंडियों के रूप में देवी मां विराजमान है। यहां अर्धकुंवारी गुफा को ‘गर्भ गुफा’ के नाम से भी जानी जाती है। क्योंकि मान्यता है कि मां वैष्णो ने 9 महीने इस गुफा में ऐसे रही जैसे मानो कोई शिशु अपने मां के घर में रहा हो। इसके अलावा इस गुफा की एक और मान्यता है कि कोई भी व्यक्ति इस गुफा में केवल एक बार ही जा सकता है क्योंकि यदि कोई शिशु अपने मां के गर्भ से बाहर निकल जाता हैं तो वह दोबारा गर्भ में नहीं जा सकता हैं। उसी प्रकार इस गुफा से कोई एक बार निकल जाता हैं तो वह दोबारा उस गुफा में नहीं जा सकता हैं। जो व्यक्ति इस गर्भ गुफा के अंदर ठहर जाता है वह पूरी जिंदगी सुखी जीवन व्यतीत करता है।
Vaishno Devi Reopens For Devotees After 5 Months. Jai Mata Di pic.twitter.com/umGzlcAgui
— Choudhary Vacations (@ChoudharyVac) August 16, 2020
यहां की कुछ लोगों ने वीडियो बनाई है। वीडियो में आप देखेंगे कैसे लोग छोटे से रास्ते से गुफा में जा रहे हैं। ये किसी चमत्कार से कम नहीं है।
मां वैष्णो का यह दरबार समुद्र तल से लगभग 4800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मां वैष्णो के इस मंदिर में एक पुरानी गुफा बनी हुई है जो काफी तंग है। आपको बता दें कि इस गुफा के शुरुआत में 2 गज तक लेट कर अथवा काफी झुक कर आगे बढ़ना पड़ता है। इस गुफा की लंबाई लगभग 20 गज हैं। इस गुफा की एक और खासियत हैं कि इसके अंदर टखनों की ऊंचाई तक शुद्ध जल प्रवाहित होता है जिसे ‘चरण गंगा’ के नाम से जाना जाता है।
Good News! Vaishno Devi Reopens For Devotees After 5 Months
The shrine along with other religious places across the Jammu & Kashmir Union Territory reopened for devotees on Sunday morning after remaining closed for almost five months due to the COVID-19 outbreak.
Jai Mata Di 🙏 pic.twitter.com/FOIuajNs5l
— 𝗥𝗼𝗵𝗶𝘁 𝗖𝗵𝗼𝘂𝗱𝗵𝗮𝗿𝘆 (@iRohitChoudhary) August 16, 2020
ये है गुफा का रहस्य : आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हमारे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में भी इस त्रिकुट पर्वत का वर्णन किया गया है। मान्यता है कि मां पार्वती के आशीष का तेज इस गुफा पर पड़ता है जिसकी अराधना में 33 करोड़ देवता हमेशा लगे रहते हैं। कुछ समय पहले यह गुफा काफी सकरी थी जिसकी वजह दर्शनार्थियों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस ही बात के मद्देनजर 1977 में एक नई गुफा बनवाई गई है, जिसमें एक गुफा में लोग मंदिर के लिए प्रवेश करते हैं और दूसरी गुफा से बाहर निकल जाते हैं।
इस #गुफा में जगत जननी मां भगवती #वैष्णों देवी ने 9 महीने तक तप किया था ।
जैसे एक बच्चा अपनी मां के कोख में 9 महीने तक रहता है वैसे ही जगत जननी मां #वैष्णो इस गुफा में उत्तर की ओर 9 महीने तक तप करती रहीं ।
इसलिए इस पवित्र गुफा को #गर्भ_जून कहते हैं !#जय_माता_दी #JaiMataDi pic.twitter.com/1o5aQliuGM— THE BONE DOCTOR OF J & K Dr Vikas Padha🇮🇳 (@DrVikasPadha) October 22, 2018
कहा जाता है कि इस गुफा के दर्शन कम ही लोग कर पाते हैं और मां वैष्णो देवी का दर्शन बस किस्मत वाले ही कर पाते हैं। जैसा की आपको पता ही है माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए भक्त किसी भी मौसम की परवाह नहीं करते। चाहे वह कड़ाके की ठंड हो या उमस भरी गरमी। आपको बता दें कि मां वैष्णो देवी की गुफा में भैरव का शरीर रखा गया है। मां वैष्णो ने भैरव को त्रिशूल से मारा था और उसका सिर उड़ कर भैरव घाटी में चला गया था तभी से वह शरीर वहीं मौजूद है।