New Delhi : एक छोटे से गांव में रहने वाली लड़की जहां के लोग हवाई जहाज को देखने मात्र से खुश हो जाते थे उसने एयरहोस्टेज बनकर उड़ने का सपना देखा था। उसके इस सपने के बारे में जो भी सुनता उसका मजाक उड़ाता। लोग क्या सोचते हैं, परिवार वाले मानेंगे या नहीं, ये सब कैसे होगा, इन सारे सवालों को न सोचते हुए वो सिर्फ यही सोचती थी कि मुझे एक दिन उड़ना है। आज वो लड़की एयरहोस्टेज बन गई है और अपनी ट्रैनिंग पूरी कर रही है। इस लड़की का नाम है भावना खन्ना।
भावना खन्ना उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं। उनका गांव काफी अविकसित क्षेत्रों में गिना जाता है। जैसा कि ज्यादातर होता है, उनके गांव में भी लड़कियों के प्रति रुढिवादी सोच हावी थी। ऐसा गांव जहां लड़कियों को सिर्फ शादी तक ही सीमित रखा जाता हो और जल्दी शादी कर दी जाती हो, ऐसे माहौल में भावना का सपना काफी बड़ा था। भावना के पिता ऑटो चलाकर घर का गुजारा करते थे। भावना अपने गांव वालों की तरह ही सामान्य जीवन जी रही थीं लेकिन उसकी एक बात अलग थी। वह उड़ने का सपना देख रही थी। जब भी वह अपने घर के ऊपर एक हवाई जहाज को देखती थी तो वह छत पर जाती और सोचती थी कि “मैं भी एक दिन उड़ान भरूंगी।” तब भावना मात्र 14 साल की थी।
भावना ने सपना तो बड़ा देखा था लेकिन उसे पूरा कैसे करना है इसके बारे में उन्हें भी कुछ पता नहीं था। यहां तक कि भावना को तो क्या पूरे गांव में किसी को एयरहोस्टेज कहते किसे हैं ये भी नहीं पता था। जिंदगी में हवाई जहाज को सामने से भी नहीं देखा था। लेकिन फिर भी जिद थी कि उड़ना है।
The #6EStars of our universe, Here is the first story to start off the day with, put your hands together for Bhawna Khanna, Cabin Attendant, Ahmedabad👏🏼 #InternationalCabinCrewDay2019 #crew #crewday #crewlife
Posted by Forever 6E on Friday, May 31, 2019
जब वो 10वीं में थी तो एक बार उसने अपनी टीचर से इस बारे में पूछा, टीचर को भी पूरी जानकारी नहीं थी लेकिन उन्होंने जानकारी जुटाकर इस बारे में उसे बताया कि इसके लिए 12वीं पास कर एयरहोस्टेज के लिए एप्लाई करना होता है। फिर तो भावना ने खूब मेहनत से पढ़ाई की।
जब वो 12वीं की बोर्ड परीक्षा दे रही थी तभी दिल्ली में एयरहोस्टेज का इंटरव्यू था। उन्होंने सोचा एक ही दिन में परीक्षा और इंटरव्यू कैसे दिया जाए। वो तो कभी अकेले बाहर भी नहीं गई थी। जिस सपने का इंतजार उन्होंने बचपन से किया था अब करीब था जिसे वो किसी हाल में मिस नहीं करना चाहती थी। भावना ने परीक्षा दी और उसी वक्त दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ी और दिल्ली पहुंच गई। भावना बताती है कि तब उन्होंने स्कूल ड्रेस भी नहीं बदली थी। हालांकि इंटरव्यू के लिए उनके पास अलग ड्रेस थी। 1600 लोगों में 13 लोग सिलेक्ट किए गए जिसमें भावना भी थी। इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए मुंबई जाना पड़ा वहां वो अपने रिश्तेदारों की झुग्गी में रहीं।
यहां रहते हुए उन्होंने ट्रेनिंग ली। उसकी मेहनत रंग लाई और वो इंडियन एयरलाइन्स में एयरहोस्टेस बन गई। अपना सर्टिफिकेट देख भावना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। भावना कहती हैं कि आज उसके पापा ऑटो नहीं चलाते बल्कि मैं उन्हें कार में घुमाती हूं। मैंने एक बेटी होकर बेटे से भी बढ़कर काम किया है।