ईर्ष्या का बाजार : रूस का कोरोना टीके पर शक कर रहे देशों को जवाब-टीके की पहली खेप 2 हफ्ते में

New Delhi : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कोरोना वायरस की घोषणा के साथ ही अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी स्पेन समेत कई देशों ने इसकी क्षमता और रिजल्ट पर सवाल खड़े कर दिये हैं। लेकिन रूस मानता है कि इन देशों की यह प्रतिक्रिया ईर्ष्या का परिणाम है। सारी बातें बेबुनियाद हैं। इसके साथ ही रूस ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दो हफ्ते में कोरोना का टीका रूस में व्यापक पैमाने पर उत्पादन के बाद बाजार में आयेगा और सबसे पहले स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को इसकी खुराक दी जायेगी। और इस तरह रूस ने कोरोना के अपने टीके को लेकर उठी अंतरराष्ट्रीय चिंताओं को खारिज कर दिया है।

रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने बुधवार 12 अगस्त को रूसी समाचार एजेंसी इंटरफ़ैक्स से कहा- ऐसा लगता है जैसे हमारे विदेशी साथियों को रूसी दवा के प्रतियोगिता में आगे रहने के फ़ायदे का अंदाज़ा हो गया है और वो ऐसी बातें कर रहे हैं जो कि बिल्कुल ही बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा – इस टीके की पहली खेप अगले दो हफ़्तों में आ जायेगी और पहले ये मुख्य तौर पर डॉक्टरों को दिया जायेगा।
बता दें कि मंगलवार को रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा करते हुये कहा था- कोराना वायरस का पहला टीका विकसित कर लिया गया है। इससे कोरोना के खिलाफ स्‍थाई रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित की जा सकती है। पुतिन ने कहा – टीके का सबसे पहला इस्तेमाल उनकी बेटी पर किया जा चुका है।

इस वैक्‍सीन का निर्माण मॉस्‍को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एडेनोवायरस का आधार बनाकर तैयार किया है। रूसी वैज्ञानिकों का कहना है – इस सफलता के पीछे पिछले 20 साल की मेहनत है। टीके में जो पार्टिकल्‍स का इस्‍तेमाल किया गया वह खुद को कॉपी या रेप्‍लीकेट नहीं कर सकते हैं। रूस के राष्‍ट्रपति ब्‍लादिमिर पुतिन ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिये राष्ट्र को संबोधित करते हुये कहा- इस सुबह दुनिया में पहली बार, नये कोरोना वायरस के खिलाफ टीका तैयार कर लिया गया है। उन्होंने वैज्ञानिकों और स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को धन्‍यवाद दिया।

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