फर्जी चीनी कंपनियों के सहारे 1000 करोड़ का हवाला, हॉंगकांग से डालर में हुआ ट्रांजैक्शन

New Delhi : सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने मंगलवार 11 अगस्त की देर शाम मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े रैकेट का खुलासा किया है। इसमें करीब 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के हवाला ट्रांजेक्शन का पता चला है। भारत में शेल कंपनियों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग हो रही थी। इसमें कई चीनी नागरिक, उनके भारतीय सहयोगी और बैंक कर्मचारी शामिल थे। खबर है कि आईटी डिपार्टमेंट द्वारा अलग-अलग ठिकानों पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।

बहुत बड़ा रैकेट चल रहा था जो कि फर्जी कंपनियों के आधार पर हवाला का कारोबार कर रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कंपनियों की सब्सिडियरी कंपनियां और संबंधित लोगों ने शेल कंपनियों के जरिये भारत में फर्जी कारोबार के नाम पर करीब 1000 करोड़ रुपए की क्रेडिट ली है। इस काम में कई भारतीय बैंक कर्मचारी और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल पाये गये। चीनी व्यक्तियों के कहने पर करीब 40 बैंक अकाउंट डमी कंपनियों के नाम पर खुलवाये गये। इन अकाउंट्स में करीब 1000 करोड़ रुपये क्रेडिट किया गया है।
हवाला कारोबार के जांच में पता चला है कि अमेरिकी डॉलर और हॉन्ग कॉन्ग में ट्रांजैक्शन किये गये हैं। फिलहाल तमाम पहलुओं की गंभीरता से जांच की जा रही है। एक चाइनीज कंपनी की सब्सिडियरी ने कंपनियों से एक हजार करोड़ रुपये की एडवांस राशि ली है। यह पैसा रीटेल शो रूम और बिजनेस खोलने के नाम पर लिया गया था।

सीबीडीटी ने कहा कि सर्च ऑपरेशन पुख्ता जानकारी के आधार पर चलाया गया, जिसमें कहा गया था कि कुछ चाइनीज नागरिक और उनके भारतीय सहयोगी फर्जी कंपनियों के सहारे मनी-लॉन्ड्रिंग और हवाला कारोबार में शामिल हैं। कुछ बैंक अधिकारियों पर भी छापेमारी की गई है।

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