New Delhi : मध्यप्रदेश का दमोह जिला जहां कोई किसान का बेटा कलेक्टरी तक नहीं पहुंचा। पूरे जिले से संदीप पटेल ऐसे पहले अभ्यार्थी हैं जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास कर रुतबे वाली नौकरी देने वाली इस परीक्षा को पास किया है। इस साल अगस्त महीने में आए रिजल्ट सूचि में उनका भी नाम शामिल है। उन्हें 464वीं रेंक मिली है। खास बात ये है कि साधारण से परिवार से आने वाले संदीप पटेल ने बिना कोचिंग पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास किया है। उनके सामने परीक्षा पास करने के लिए अनेकों चुनौतियां थी जिन्हें हराकर वे अब आईएएस ऑफिसर बन गए हैं।
AIR 464 in cse 2019 , I can't explain my feelings in words , thank you so much everyone who have supported me through ups and down , I can not make this without you .#upsc #Upscresult2020
— Sandeep Patel (@sandeepkpatel12) August 5, 2020
संदीप का जन्म तो दमोह जिला में हुआ है लेकिन पन्ना जिले के पवई नगर में अपने ननिहाल में रहकर उन्होंने पहली से बारहवीं तक की शिक्षा प्राप्त की। छोटे से गांव डोली तहसील के रहने वाले संदीप ने बचपन से ही अपने नाना के यहाँ रह कर नगर सरस्वती शिशु मंदिर में कक्षा 12 तक की पढाई कर आगे की शिक्षा दिल्ली में गृहण की। दरअसल संदीप एक साधारण किसान परिवार से हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी बेहतर नहीं रही साथ ही पिता को गले का कैंसर होने की वजह से वह बेटे की पढाई में ज्यादा सहयोग नहीं कर सके। ऐसे समय में संदीप के नाना-नानी ने उन्हें पढाने की जिम्मेदारी ली। संदीप ने अपनी शिक्षा ननिहाल में रहकर ही पूरी की।
Thank you so much sir @CollectorPanna https://t.co/CUp5ViP7Iq
— Sandeep Patel (@sandeepkpatel12) August 5, 2020
ग्रेजुएशन के लिए वो दिल्ली आ गए और दिल्ली विश्विद्यालय से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा के लिए तैयारी शुरू की। लेकिन कोचिंग के लिए उनके पास पैसा नहीं था। इसलिए उन्होंने आनलाइन पढ़ाई कर इसकी पूर्ति की। जब उनका मैन्स क्लियर हुआ तो इंटरव्यू के लिए उन्होंने कुछ क्लासेस लीं। फरवरी माह में चयन हो चुका था इंटरव्यू बाकी था।
अगर किसी गरीब अभ्यर्थी को यह कहकर #UPSC/ #civilservices की तैयारी हेतु हतोत्साहित किया जाता है कि बड़े ख़्वाब मत देखो या जितनी चद्दर हो, उतने पाँव पसारिए, तो सिरे से ऐसे मुहावरों के ग़लत प्रयोग को नकारना सीखिए।
'आसमान को छूना' किसी की बपौती नहीं है।ये खुला है सबके लिए!#success— Dr. JK Soni, IAS (@Jksoniias) May 29, 2020
कोरोना संक्रमण के कारण इंटरव्यू लेट हुआ। जब रिजल्ट आया तो इसकी खुशी गांव भर में दिखाई दी। संदीप ने बताया कि मै मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ पिताजी किसान है ,मां गृहणी है। सन्दीप ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता सहित अपने नाना नानी और गुरुजनों को दिया।