New Delhi : किशोर कुमार के गाने दादा, पापा से लेकर हिप-हॉप जिंदगी में जी रहे पोते तक सुने जा रहे हैं। चलती बस में या कहीं किसी चाय के स्टॉल से गुजरते हुए जब भी किशोर कुमार की आवाज कानों में पड़ जाती है तो लगता है वहीं चाय के स्टॉल पर बैठकर पहले चाय पी जाये। या सफर के समय जब वो आवाज कानों में पड़ती है तो सफर सुहाना सा जान पड़ता है। लेकिन 1975 में जब देश में आपात काल लगा तो किशोर कुमार की इस जादुई आवाज पर भी बैन लगा दिया गया। कारण वही था कि उन्होंने भी आपातकाल का विरोध किया था। यही नहीं इनकम टैक्स के द्वारा उनके घर छापे भी मारे गये थे जिसमें उनकी कई फिल्मों को भी जब्त कर लिया गया था। तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री विद्याचरण शुक्ला ने किशोर कुमार के गीतों और सभी तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगवा दी थी।
Ayushmann Khurrana wishes Kishore Kumar on his birthday, posts an old video https://t.co/bT6j9fWDA0 via @indulgexpress @ayushmannk #KishoreKumar
— farah khatoon (@itweet_faru) August 4, 2020
किशोर कुमार ने गाने गाये, फिल्में प्रड्यूस की, डायरेक्ट कीं यही नहीं फिल्मों में एक्टिंग भी शानदार की लेकिन वे महान बने अपनी गायकी से। मजे की बात तो ये है कि जिस किशोर कुमार की आवाज आज अमर हो गई है, उन्हें कभी पता ही नहीं था कि उन्हें क्या करना है। अच्छे-खासे परिवार में जन्में किशोर को कभी काम के लिए नहीं भटकना पड़ा। उन्हें फिल्मों में एक्टिंग मिलती तो एक्टिंग कर लेते, कोई गाना गाने को कह देता तो गाना गा लेते और अपना मन किया तो फिल्मे डायरेक्ट भी कर लेते। इन सबके बीच वो अपने हुनर से तो अनजान थे ही बल्कि उन्हें कोई खास पहचान भी नहीं मिल पाई थी। आज उनके जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनके बारे में ऐसे ही अनूठे किस्से।
किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में वहाँ के जाने माने वकील कुंजीलाल के यहाँ हुआ था। किशोर कुमार के नाम से फेमस इस आवाज के जादुगर का दरअसल असली नाम आभास कुमार गांगुली था। किशोर कुमार अपने भाई बहनों में दूसरे नम्बर पर थे। जब किशोर कुमार फेमस हुए तो उनके परिवार वालों ने बताया कि बचपन में उनकी आवाज काफी कर्कश थी।
ONLY in Bengal❤
A tea-stall owner, on Shri Kishore Kumar's birthday, brews and serves tea free of cost while singing Kishore'da's songs! pic.twitter.com/DnufNCQo6v— Tota Roy Choudhury (@tota_rc) September 2, 2017
एक दिन उनकी अंगुली में ज्यादा चोट लगी जिसका इलाज कई महीने तक चला जिसके दर्द की वजह से वो अक्सर रोते रहते। उनके इसी रोने से उनकी आवाज सुरीली हो गई।
अपनी गायकी के रूप में जाने जाने वाले किशोर ने दरअसल अपने करियर की शुरुआत फिल्म में एक्टिंग से की। फिल्म थी शिकारी। फिर वो ऐसी ही छोटी-मोटी फिल्में करते रहे। उन्हें पहली बार गाने का मौका मिला 1948 में बनी फ़िल्म जिद्दी में, जिसमें उन्होंने देव आनंद के लिए गाना गाया। शुरू में किशोर कुमार को एस डी बर्मन और अन्य संगीतकारों ने अधिक गंभीरता से नहीं लिया और उन्होंने उनसे हल्के स्तर के गीत गवाए। लेकिन किशोर कुमार ने 1957 में बनी फ़िल्म “फंटूस” में दुखी मन मेरे गीत अपनी ऐसी धाक जमाई कि जाने माने संगीतकारों को किशोर कुमार की प्रतिभा का लोहा मानना पड़ा।
HAPPY BIRTHDAY TO YOU GURUDEV KISHORE KUMAR 🎊🎊🎊🎼🎼🎂🎂🎈🎈❤❤❤🙏🏻🙏🏻🙏🏻🎻🎻🎉🎉🎉 pic.twitter.com/T7Fio1dRKM
— Kakoli Roy(KKRDBMJ❤) (@KakoliRoy100) August 4, 2020
इसके बाद तो उन्हें गाने मिलते गए और वो अपनी आवाज के जादू से लोगों के मन अपनी छाप छोड़ते गए। 13 अक्टूबर 1987 को वे हमें अलविदा कह गये। उनके कुछ फेमस गाने जो आज भी लोगों के बीच हिट हैं- करवटें बदलते रहे, जाने कैसे कब कहां, अच्छा तो हम चलते हैं, गुम है किसी के प्यार में, तुम आ गए हो तो नूर आ गया है, चूड़ी नहीं है मेरा दिल है।