योगी सरकार को झटका- उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मिनिस्टर कमल रानी वरुण कोरोना से हार गईं

New Delhi : उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मिनिस्टर कमल रानी वरुण कोरोना की शिकार हो गईं। उन्होंने रविवार को लखनऊ के पीजीआई हास्पिटल में अंतिम सांस ली। प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लखनऊ पीजीआई में भर्ती थीं। इस सूचना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज 2 अगस्त का अपना अयोध्या दौरा स्थगति कर दिया है।

लखनऊ पीजीआई के सीएमएस डॉ अमित अग्रवाल ने बताया – उन्हें सीवियर COVID-19 निमोनिया हो गया था। इस वजह से वह एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम में चली गई थीं। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। कोरोना के लिए निर्धारित रेमडेसिविर समेत अन्य निर्धारित दवाएं उन्हें लगातार दी जा रही थीं, लेकिन सुधार नहीं हो रहा था।
मंत्री कमलारानी को पहले से ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन व थायराइड से जुड़ी समस्याएं थीं। उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था। शुरुआत के 10 दिनों में उनकी तबियत स्थिर रही, लेकिन पिछले 3 दिनों से अचानक स्थिति खराब होने लगी। शनिवार की शाम करीब 6:00 बजे तबियत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें बड़े वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। रविवार को सुबह 9:00 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 18 जुलाई को शाम 5:24 बजे उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। मंत्री की बेटी भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। लेकिन वह ठीक हो गयी।
कमल रानी वरुण कानपुर जिले के घाटमपुर लोकसभा क्षेत्र से 1996 व 1998 यानी 11वीं व 12वीं लोकसभा की सदस्य रहीं 62 वर्षीया कमल रानी वरुण ने राजनीति पार्षद के रूप में शुरू की थी। वह 1989 से 1995 तक पार्षद थीं। लखनऊ में तीन मई 1958 को जन्म लेने वाली कमल रानी वरुण का विवाह 25 मई 1975 को किशन लाल वरुण से हुआ था।

इससे पहले, यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह के साथ ही चेतन चौहान, आयुष मंत्री डॉ़ धर्म सिंह सैनी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उपेंद्र तिवारी तथा रघुराज सिंह कोरोना पॉजिटिव पाये गये। राजेंद्र प्रताप अब स्वस्थ्य हो चुके हैं।

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