New Delhi : यूनाइटेड स्टेटस ऑफ अमेरिका ने चीन के खिलाफ अपनी आक्रामक मुहिम को और अधिक धार दे दिया है। अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाया है कि उसने कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारतीय सीमा में घुसपैठ की और जानबूझकर ऐसा किया। चीन की नीयत भारत की जमीन पर कब्जा करना था। यह अनैतिक और अशोभनीय कार्रवाई थी जिसे चीन ने ऐसे समय में अंजाम दिया जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी जैसी आपदा से गुजर रही है।
#US passing #NDAA on #China's aggression in #Ladakh & #SCS amidst #COVID19 milestone in #IndoUS #strategicpartnership. @asthana_shashi @timesofindia
US House of Representatives passes amendment slamming Chinese aggression against India https://t.co/3NcdIXulk3 via @timesofindia— Major General Shashi Bhushan Asthana (Veteran) (@asthana_shashi) July 21, 2020
चीन के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने की दिशा में अमेरिका का यह सबसे मजबूत कदम है। अमेरिका ने चीन की आक्रामकता की आलोचना करते हुय ध्वनिमत से संवैधानिक संशोधन पास किया है। यह फैसला एकमत से हुआ। 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी घटना से लेकर दक्षिण चीन महासागर के मसले को लेकर अमेरिका चीन पर हमलावर है। इसमें चीन के रवैये पर चिंता जताई गई है और आरोप लगाया गया है कि चीन कोरोना का महामारी के बहाने से भारत के क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता था।
अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में नैशनल डिफेंस ऑथराइजेशन ऐक्ट में संशोधन पास कर दिया गया है। यह संशोधन भारतीय-अमेरिकी सांसद अमी बेरा और कांग्रेसमेन स्टी शैबट ने इस संशोधन का प्रस्ताव दिया था। संशोधन में कहा गया है – भारत के लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा, चीन महासागर और सेंकाकू टापू विवादित क्षेत्र में चीन का विस्तारवाद और आक्रामकता चिंता का विषय है। अमेरिकी कांग्रेस ने भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में चीन की आक्रामकता का विरोध किया है और चीन के बढ़ते क्षेत्रीय रवैये पर चिंता जताई है।
The Indian economy will suffer as New Delhi plans to sanction several Chinese companies in the country, using “military connection” as an excuse, because #India can’t find an ideal replacement from other countries: Chinese analysts https://t.co/m5WGWygxmw pic.twitter.com/02CQTFzRSL
— Global Times (@globaltimesnews) July 21, 2020
संसद में स्टीव ने बयान दिया – भारत इंडो-पैसिफिक में एक अहम लोकतांत्रिक पार्टनर है। उन्होंने कहा, ‘मैं भारत का समर्थन करता हूं और अपने द्विपक्षीय संबंध का समर्थन करता हूं। उन क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ भी खड़ा हूं जो चीन की आक्रामकता का सामना कर रहे हैं।