New Delhi : आखिरकार फिल्म क्रीटिक राजीव मसंद मुम्बई पुलिस के रडार पर आ ही गये। राजीव मसंद वही जर्नलिस्ट है जिसने सुशांत सिंह राजपूत के बारे में फालतू आरोप लगानेवाले ब्लाइंड आर्टिकल लिखे थे। इन आर्टिकल्स में राजीव ने सुशांत सिंह राजपूत का नाम कहीं नहीं लिखा था लेकिन इशारों से यह साफ हो जाता था कि आर्टिकल सुशांत सिंह राजपूत के बारे में ही लिखी गई है। इन आर्टिकल्स में सुशांत पर नशेड़ी, ड्रगिस्ट से लेकर वीमेनाइजर तक के आरोप लगा दिये जाते थे। सुशांत को तबाह और तनाव देने में कोई कमी नहीं छोड़ी राजीव मसंद ने।
Mumbai: Film critic Rajeev Masand leaves from Bandra police station where he had come to record his statement in connection with actor Sushant Singh Rajput's suicide case. Statements of 39 people have been recorded so far in connection with the case. https://t.co/qduwPdZBIa pic.twitter.com/xEHYlEcCwG
— ANI (@ANI) July 21, 2020
ऐसे में सुशांत केस में राजीव मसंद की भूमिका सवालों के घेरे में है। बांद्रा पुलिस ने आज 21 जुलाई को उनसे पूरे मामले में पूछताछ की। हालांकि इस पूछताछ में कुछ निकल कर आने की आशंका बेहद कम ही है। करीब दो घंटे की पूछताछ में राजीव ने न तो कुछ तथ्यात्मक बताया और न ही अपने ब्लाइंड् रिपोर्टस पर ही कुछ खास जानकारी दी।
फिल्म इंडस्ट्री की क्वीन कंगना रनौत ने अपने वीडियो संदेश में राजीव मसंद की इन रिपोर्ट् पर काफी सवाल उठाये थे। उन्होंने कहा था कि मूवी माफिया करन जौहर और गैंगबाजी के लिये फेमस सलमान खान, नेपोकिड्स आदि के कहने पर इस तरह के आर्टिकल छापे गये। उन्होंने सवाल भी उठाया था- आपने कभी भी मीडिया गॉसिप में इस तरह के बदतमीजी भरे ब्लाइंड आर्टिकल्स नेपोकिड्स के बारे में नहीं पढ़े होंगे। सिर्फ आउट साइडर्स का मनोबल गिराने के लिये और उन्हें फिल्म इंडस्ट्री से बाहर करने के लिये इस तरह के षडयंत्र होते हैं।
This is a small victory for all who fought for #JusticeForSushant.
Rajeev Masand most vile,vindictive& bikau journalist who mercilessly butchered Sushant’s character is being called to police, even if he feels 1% of helplessness, agony-anguish Sushant felt we'll feel vindicated🙏 https://t.co/wUBbwuaav2— Team Kangana Ranaut (@KanganaTeam) July 21, 2020
पेड आर्टिकल्स छपवाये जाते हैं और फिर राजीव मसंद जैसे बॉलीवुड के चर्चित नामों से इस तरह के ब्लाइंड आर्टिकल्स लिखवाये जाते हैं। राजीव मसंद ने तो सुशांत पर झूठी कहानियों की लगभग एक पूरी सीरीज ही छाप दी। सारी रिपोर्टस ब्लाइंड थीं। बता दें कि ब्लाइंड आर्टिकल्स में उस शख्स का नाम नहीं होता जिस पर घटिया आरोप बिना सबूतों के मढ़ दिये जाते हैं लेकिन इशारों में, हावभाव से उसकी पहचान का खुलासा कर दिया जाता है। फिल्म इंडस्ट्री में एक दूसरे के खिलाफ षडयंत्र करने में इस तरह के ब्लाइंड आर्टिकल्स की विशेष भूमिका होती है। खासकर रिश्ते तोड़ने, रिश्ते जोड़ने, अफेयर कराने में, कैरेक्टर एसेसिनेशन में इस तरह के बेसलेस आर्टिकल फिल्म इंडस्ट्री में बेहद आम हैं।