New Delhi : हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की चालाकियों से निपटने की तैयारी में भारत ने पूरी ताकत लगा दी है। लद्दाख में एलएसी को लेकर चीन से तनाव के बाद अब भारत कहीं भी चीन को कोई मौका देना नहीं चाह रहा। इसी उद्देश्य को लेकर भारत लंबी दूरी की पनडुब्बी रोधी, टोही, निगरानी और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग क्षमताओं से लैस चार P-8I सबमरीन किलर विमानों को अपने बेड़े में शामिल करनेवाला है। इन चार विमानों की आपूर्ति के बाद भारत बोइंग से छह और विमान खरीदने के विकल्प पर विचार कर रहा है। साल 2021 में बातचीत के बाद इसका आर्डर दिया जायेगा।
Four submarine killer P-8I‘s coming to India next year, MoD might order 6 more. #IndianNavy #P8I pic.twitter.com/OPHUNEJTcU
— Guarding India (@guardingindia) July 21, 2020
P-8A Poseidon का P-8I भारतीय नौसेना संस्करण है। यह भारत के लिये समुद्री गश्त की जरूरतों के लिहाज से डिज़ाइन किया गया है। यह एक घातक टोही विमान है जो हार्पून ब्लॉक II हवा के साथ एकीकृत मिसाइलों और हल्के टारपीडो के लिये 129 सोनोबॉय को ले जा सकता है। सोनोबॉय एक घातक पनडुब्बी में बदल जाता है जो एंटी-शिप मिसाइल भी लॉन्च कर सकता है।
चीन के दक्षिण चीन सागर के सैन्यीकरण और उसके समुद्री विस्तारवादी नीतियों को ध्यान में रखते हुये भारत ने इन विमानों को खरीदने का निर्णय लिया है। बीजिंग ने पहले ही म्यांमार, श्रीलंका, पाकिस्तान, ईरान और पूर्वी अफ्रीका में बंदरगाहों की एक स्ट्रिंग हासिल कर ली है। इससे न केवल भारतीय नौसेना को चुनौती दी जा सकती है बल्कि अमेरिकी मध्य कमान बलों के साथ-साथ फ्रांसीसी और ब्रिटिश नौसेना की उपस्थिति को भी चुनौती दी जा सकती है।
बता दें बीजिंग की म्यांमार में क्युकायपु बंदरगाह में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है। दक्षिण श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह हिंद महासागर पर हावी है, पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह ओमान की खाड़ी के मुहाने पर है और ईरान में जस्क का बंदरगाह है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों का मानना था कि हिंद महासागर क्षेत्र में चुनाव के समय वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ चीन ने अपने आक्रामक मुद्रा को दोहराने की कोशिश की थी।
सितंबर 2019 में भारत ने संचार और सुरक्षा समझौते (COMCASA) पर हस्ताक्षर किये जाने के एन्क्रिप्टेड संचार के आदान-प्रदान के लिये कानूनी ढांचा तैयार हुआ। P-8I इसे आसानी से संभव बनाता है, खासकर जब से विमान इंटरऑपरेबल हैं, सुरक्षित रूप से संचार कर सकते हैं और इसके लिये ही डिज़ाइन किया गया है।
सुरक्षित संचार एक विमान को वास्तविक समय परिचालन के दौरान खुफिया जानकारी साझा करने में सक्षम बनाता है। P-8I विमान को लंबी दूरी के पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह रोधी युद्ध और खुफिया, निगरानी और टोही मिशन के लिये बनाया गया है। इसका उपयोग अन्यत्र भी किया जा सकता है। सेना ने चीन के साथ लद्दाख गतिरोध के दौरान निगरानी के लिये टोही विमान पर भरोसा किया था। यह विमान 490 समुद्री मील या 789 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से उड़ सकता है।