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रूस को चुनौती- अमेरिका ने ब्लैक-सी में 9 देशों के साथ यूएसएस पोर्टर से शुरू किया युद्धाभ्यास

New Delhi : यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका ने सहयोगी यूरोपीन देशों के साथ ब्लैक सी में नौसेना का युद्धाभ्यास शुरू किया है। यह युद्धाभ्यास 19 जुलाई से शुरू हुआ है। इस अभ्यास का नेतृत्व यूएसए कर रहा है जबकि उसके साथ इसमें बल्गारिया, रोमानिया, तुर्की अैर जार्जिया की नौसेना इसमें शामिल हुई हैं। यह इलाका रूस की सीमाओं से जुड़ता है और वर्तमान कोरोना काल में यूएसए ने युद्धाभ्यास शुरू करके सीधे रूस को चुनौती दी है।

यूएसए पहले ही चीन से भिड़ा हुआ है और अब रूस के साथ भी फ्रंट खुल गया है। तनाव बढ़ने के आसार हैं। इस युद्धाभ्यास में यूएस नौसेना का नेतृत्व गाइडेड मिसाइलों से लैस विध्वंसक युद्धपोत यूएसएस पोर्टर कर रहा है। यह जानकारी अमेरिकी नौसेना के छठे बेड़े ने एक बयान जारी कर दी है। यह बेड़ा यूरोप और अफ्रीका के लिये समुद्र की सीमाओं पर तैनात है। इस युद्धाभ्यास को Sea Bridge नाम दिया गया है जो पहले से निर्धारित था और रविवार 19 जुलाई से शुरू हो गया।
इस युद्धाभ्यास में कुल 9 देशों के 2000 नौसैनिक भाग ले रहे हैं। यूएस नौसेना द्वारा जारी बयान में बताया गया है – यूएसएस पोर्टर हमारी नौसेना का पांचवां युद्धपोत है जो चालू वर्ष में ब्लैक सी पहुंचा है। अमेरिकी नौसेना के छठे बेड़े के कमांडर वाइस एडमिरल जीन ब्लैक ने कहा – यूएसएस पोर्टर का ब्लैक सी में पहुंचना बताता है कि अमेरिका नाटो और अपने अन्य निकट सहयोगियों की सुरक्षा के लिये पूरी तरह से वचनबद्ध है। हम उनके साथ मिलकर क्षेत्र की सुरक्षा को और अधिक चाक-चौबंद रखना चाहते हैं।
फिलहाल यूनाइटेड स्टेटस ऑफ अमेरिका उन नौ देशों के साथ मिलकर युद्धाभ्यास कर रहा है, जो पूर्व में रूस के सहयोगी रह चुके हैं। अब यूएसए के साथ हो लिये हैं और रूस के विरोधी की भूमिका में हैं। इसलिये मौजूदा युद्धाभ्यास रूस के नजदीक पहुंचकर उसे चुनौती देने जैसा है। पिछले महीने ही अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों ने दक्षिण चीन सागर में भी दस्‍तक दी है। अमेरिका ने अपने युद्धपोत यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन की दक्षिण चीन सागर में तैनाती की है।

चीन से दक्षिणी चीन सागर को लेकर यूएसए ने मोर्चा खोल दिया है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर को अपना बताता है और पड़ोसी देश ताइवान, जापान समेत सभी को आपत्ति है और तनाव भी है। अब इन देशों के पक्ष में यूएसए भी खड़ा हो गया है। कोरोना फैलाने की वजह से भी चीन से दुनिया के अधिकांश देश चिढ़े हुये हैं और ऐसे समय में भी रूस चुप है जो यूएसए को परेशान किये हुये हैं।

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