New Delhi : माँ लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से प्रथम स्वरुप है धन लक्ष्मी का। इन्हे ही वैभव लक्ष्मी कहा जाता है। इनको प्रसन्न करने के लिये वैभव लक्ष्मी व्रत करते हैं। नियमपूर्वक करने पर माँ लक्ष्मी की कृपा बरसती है । घर में धन और संपदा की वृद्धि होती है। जीवन में वैभव आता है। सर्व समृद्धि की प्राप्ति होती है। हमेशा आर्थिक समस्याओं से घिरे रहनेवाले और तमाम प्रयास के बाद भी उन्नति की ओर अग्रसर न हो पानेवाले लोगों को ये व्रत अवश्य करना चाहिये। इससे दरिद्रता का नाश निश्चित है।
Hampi temple elephant Laxmi taking bath in nearby river & giving blessings to everyone 🥰.@Gannuuprem
6 yr old video by Hynek Oboril. pic.twitter.com/7yj0Y43JqL— Krutika Varu 🇮🇳 (@VaruKrutika) July 10, 2020
शुक्रवार के दिन सुबह में स्नान के बाद महिलायें शुद्ध होकर साफ वस्त्र धारण करें। मां लक्ष्मी का ध्यान करके सारा दिन व्रत रखना चाहिये। पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को नहाने के बाद पारण करना चाहिये। पूजन में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर वैभव लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें और श्रीयंत्र को तस्वीर के पीछे या बगल में रखें।
वैभव लक्ष्मी के सामने मुट्ठी भर चावल का ढेर लगायें और उस पर जल से भरा हुआ तांबे का कलश स्थापित करें। कलश के ऊपर एक छोटी सी कटोरी में सोने या चांदी का कोई आभूषण अनिवार्य रूप से रखना चाहिये। वैभव लक्ष्मी की पूजा में लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल, भोग और प्रसाद के लिये घर में गाय के दूध से चावल की खीर को शामिल करें। व्रत के पारण के बाद यदि आपके लिये संभव हो तो मीठा भोजन ही खायें । इस व्रत का परिणाम बहुत ही शीघ्र दिखने लगता है ।