New Delhi : बिहार में एक पुल और उसके संपर्क मार्ग ने नीतीश सरकार के कामकाज की ऐसी पोल खोली है कि सरकार को जवाब देते नहीं बन रहा है। वैसे सरकारी पक्ष का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले शिलान्यास और उद्धाटन की जल्दबाजी में ऐसा हुआ है लेकिन सड़क के नीचे की परत साफ कहती है कि संपर्क सड़क और पुल में गिट्टी पत्थर का इस्तेमाल नहीं हुआ। मिट्टी पर अलकतरा डाल दिया और पहली बरसात में ही पुल और सड़क ने अपना मुंह खोल दिया। सड़क पर गहरे भंवर बन गये।
263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है। pic.twitter.com/EIcQYPEHn8
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 16, 2020
बिहार के गोपालगंज में 264 करोड़ की लागत से बना सत्तरघाट महासेतु उद्घाटन के 30 दिन में ही पानी में बह गया है। बीते 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सत्तरघाट महासेतु का उद्घाटन किया था। पर यह पुल गंडक नदी के तेज बहाव का दबाव झेल नहीं सका और बैकुंठपुर प्रखंड के खोम्हारीपुर में पुलिया के पास अप्रोच सड़क टूट गया। इसकी वजह से उत्तर बिहार के कई जिलों का संपर्क टूट गया है।
इस बीच, बुधवार की शाम अधिकारियों की एक टीम हालात का जायजा लेने घटनास्थल पर पहुंची। अधिकारियों ने दावा करते हुये कहा – पानी का तेज बहाव कम होने के बाद चार से पांच दिन में सड़क को आवामगन के लायक बना दिया जायेगा। इस पुल को बनाने में 8 साल लगे और बहने में 8 मिनट।
इस योजना के अंतर्गत सभी पुल, पुलिया और संपर्क पथ के निर्माण में 263.48 करोड़ की राशि खर्च हुई है। यह पुल गोपालगंज, सारण और सीवान की सीमा से पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर की सीमा को जोड़ता है। सत्तरघाट महासेतु के अप्रोच सड़क के ध्वस्त होने पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को घेरा है।
16 जून को 263.47 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल का उद्घाटन और 15 जुलाई को उसका सत्यानाश ।
अब इसका आरोप बेचारे चूहों पर मत लगा देना। pic.twitter.com/H8enBRqTvU
— Dr. Madan Mohan Jha (@DrMadanMohanJha) July 15, 2020
उन्होंने ट्वीट किया- 8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने भी इस मसले पर नीतीश कुमार और उनकी सरकार को घेरा है। मदन मोहन झा ने ट्वीट किया- 16 जून को पुल का उदघाटन हुआ और 15 जुलाई को सत्यानाश। अब इसका दोष चूहों पर मत दे देना।