सचिन पायलट 13 जुलाई को भाजपा में शामिल हो सकते हैं, इससे पहले सभी 30 MLA देंगे इस्तीफा

New Delhi : सचिन पायलट सोमवार 13 जुलाई को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले उनके समर्थक 30 कांग्रेस विधायक विधायकी से इस्तीफा दे देंगे। कल सरकार गिरने की नौबत हो जायेगी और सचिन पायलट भाजपा में शामिल हो जायेंगे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में सचिन पायलट भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं। कांग्रेस पायलट को मनाने में नाकाम हो गई है।
रविवार को पायलट ने बयान जारी करते हुये कहा – मेरे पास तीस विधायकों का समर्थन है और राजस्थान की अशोक गहलोत की सरकार अल्पमत में है। हालांकि, उन्होंने तीस विधायकों के नाम नहीं बताये हैं। वहीं कांग्रेस ने इन दावों खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने दावा किया कि रविवार रात अशोक गहलोत की बैठक में 90 विधायक शामिल हुये हैं।

विधायक दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा प्रेस मीट में मौजूद रहे। सुबह से चर्चा की थी ये सभी विधायक दिल्ली गये हैं। इस दौरान तीनों ने बाड़ेबंदी की बात को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा – हम जब तक जिंदा रहेंगे तब तक कांग्रेस में रहेंगे। कोई अपने व्यक्तिगत कारण से भी दिल्ली जा सकता है। हमारी आस्था पूरी तरह मुख्यमंत्री गहलोत में है। इस दौरान रघु शर्मा, हरीश चौधरी, प्रताप सिंह खाचरियावास, शाले मोहम्मद, सुखराम बिश्नोई भी मौजूद रहे।

कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट को भी जयपुर जाने को कहा है। उनको सोमवार को विधायक दल की मीटिंग में मौजूद रहने को कहा गया है। हालांकि उन्होंने जयपुर जाने से इनकार करते हुये अपना रुख साफ कर दिया- बहुत हुआ, अब नहीं। यही नहीं उन्होंने हाईकमान से मिलने का समय भी नहीं मांगा है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि वे अपना अलग दल बना सकते हैं। वैसे अशोक गहलोत ने सोमवार सुबह 10.30 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है। सभी विधायकों को जयपुर पहुंचने को कहा गया है। केंद्र ने रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन को ऑब्जर्वर बनाकर जयपुर भेजा है।
वे यहां पर विधायकों से बातचीत करेंगे। इस बीच कपिल सिब्बल ने अपनी ही पार्टी पर तंज कसा- क्या कांग्रेस तभी जागेगी, जब उसके अस्तबल से घोड़े चले जायेंगे? अशोक गहलोत सुबह से अपने आवास पर कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों से मिल रहे हैं। सभी मंत्रियों और विधायकों को कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र को छोड़कर जयपुर पहुंचे।

राजस्थान में जारी सियासी संकट पर राज्यसभा से भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार 12 जुलाई को कहा – मैं अपने पूर्व सहयोगी सचिन पायलट को साइडलाइन होते देखकर दुखी हैं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट में कहा- मैं यह देखकर दुखी हूं कि मेरे साथी रहे सचिन पायलट को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दरकिनार किये जाने के साथ ही सताया जा रहा है। यह दिखाता है कि कांग्रेस पार्टी में क्षमता और प्रतिभा को बहुत कम अहमियत दी जाती है।
राजस्थान में दोनों शीर्ष नेताओं के बीच तकरार की एक वजह राज्य की पुलिस द्वारा विधायकों की ”खरीद-फरोख्त” मामले की जांच का आदेश देना और पायलट को नोटिस भेजना है, जिसे लेकर पायलट नाराज हैं। शनिवार 11 जुलाई को बताया गया था कि राजस्थान पुलिस ने गहलोत और पायलट को भी नोटिस जारी कर कांग्रेस सरकार गिराने की कथित कोशिशों के संबंध में बयान दर्ज कराने के लिये कहा है। पुलिस के विशेष कार्यबल ने सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी बयान देने के लिये बुलाया है।

एसओजी ने शुक्रवार 10 जुलाई को हिरासत में लिये गये दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जो गहलोत सरकार गिराने के लिये कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त में कथित रूप से शामिल थे। गहलोत ने शनिवार 11 जुलाई को विपक्षी भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह उनके विधायकों को बड़ी रकम देकर सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। उनकी सरकार न केवल स्थिर है बल्कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल भी पूरा करेगी। वहीं भाजपा ने गहलोत से इन आरोपों को साबित करने के लिये कहा है।

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