New Delhi : विकास दुबे के इनकाउंटर के बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा – इस इनकाउंटर के बाद से ब्राह्मण समाज भयभीत और असुरक्षित महसूस कर रहा है। सरकार को जनविश्वास बहाली के लिये काम करना चाहिये। रविवार को एक के बाद एक किये गये कई ट्वीट में मायावती ने इस कांड के बहाने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है।
1. बीएसपी का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित व कटघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए। इसीलिए कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड के दुर्दान्त विकास दुबे व उसके गुर्गों के जुर्म को लेकर उसके समाज में भय व आतंक की जो चर्चा गर्म है उसे दूर करना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) July 12, 2020
मायावती ने कहा – किसी एक व्यक्ति के जुर्म के कारण पूरे समाज को कठघरे में खड़ा नहीं करना चाहिये। सरकार उस समाज में व्याप्त भय व आतंक को दूर करे। बीएसपी का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित व कठघरे में नहीं खड़ा करना चाहिये। इसीलिए कानपुर कांड को लेकर उसके समाज में भय व आतंक की जो चर्चा गर्म है उसे दूर करना चाहिये।
उन्होंने लिखा- यूपी सरकार अब खासकर विकास दुबे कांड की आड़ में राजनीति नहीं बल्कि इस सम्बंध में जनविश्वास की बहाली हेतु मजबूत तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई करे तो बेहतर है। सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे अब ब्राह्मण समाज भी यहां अपने आपको भयभीत, आतंकित व असुरक्षित महसूस करे।
अपने आखिरी ट्वीट में मायावती ने लिखा – सरकार को निष्पक्ष और ईमानदारी से काम करना चाहिये ताकि प्रदेश अपराध मुक्त हो। यूपी में आपराधिक तत्वों के विरूद्ध अभियान की आड़ में छांटछांट कर दलित, पिछड़े व मुस्लिम समाज के लोगों को निशाना बनाना, यह भी काफी कुछ राजनीति से प्रेरित लगता है जबकि सरकार को इन सब मामलों में पूरे तौर पर निष्पक्ष व ईमानदार होना चाहिए, तभी प्रदेश अपराध-मुक्त होगा।
3. इसी प्रकार, यूपी में आपराधिक तत्वों के विरूद्ध अभियान की आड़ में छांटछांट कर दलित, पिछड़े व मुस्लिम समाज के लोगों को निशाना बनाना, यह भी काफी कुछ राजनीति से प्रेरित लगता है जबकि सरकार को इन सब मामलों में पूरे तौर पर निष्पक्ष व ईमानदार होना चाहिए, तभी प्रदेश अपराध-मुक्त होगा।
— Mayawati (@Mayawati) July 12, 2020
बहरहाल विकास दुबे प्रकरण की जांच के लिये उत्तर प्रदेश की सरकार ने एसआईटी का गठन किया है, जिसे 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। केस की जांच के लिये भी सरकार ने एक सदस्यीय टीम का गठन किया है। इसकी अध्यक्षता रिटायर जज शशिकांत अग्रवाल कर रहे हैं। इस एकल जांच आयोग का कार्यकाल फिलहाल दो महीने के लिये तय किया गया है।