राजस्थान में खटपट- पायलट समेत 16 कांग्रेसी विधायक गुरुग्राम पहुंचे, सोनिया से मुलाकात करेंगे

New Delhi : राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश और विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच शनिवार देर रात तक सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल गया। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत 12 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायक हरियाणा के गुरुग्राम में पहुंचकर अड‍्डा जमा लेने की खबरें हैं। सरकार से नाराज चल रहे कांग्रेसी विधायक पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर अपनी बात रख सकते हैं। इसके लिए आलाकमान से समय मांगा गया है।

उधर, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के बाद शनिवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने खुलासा किया – 3 निर्दलीय विधायक मोटी रकम लेकर कांग्रेस विधायकों को तोड़ने गये थे। उन पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। शनिवार को जो विधायक दिल्ली पहुंचे उनमें सुरेश टांक, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, ओम प्रकाश हुडला, राजेंद्र बिधुड़ी, पीआर मीणा सहित अन्य विधायक हैं। इनके अलावा, दिल्ली में ही विधायक रोहित बोहरा, चेतन डूडी और दानिश अबरार एकसाथ दिल्ली में रहे। विधायकों से एक ही जवाब मिला – निजी काम से दिल्ली पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रात 8:30 बजे कैबिनेट मंत्रियों की मीटिंग ली। इसमें 12 मंत्री और 12 दर्जन विधायक मौजूद रहे। करीब 2 घंटे चली बैठक में सीएम ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिये – अपने प्रभार वाले जिलों के विधायकों से संपर्क में रहें और कोई भी जानकारी उन्हें मिलती है तो साझा करें।
किसी विधायक को कोई आपत्ति है तो मंत्री उन्हें सीधे सीएम से मिला सकते हैं। सभी मंत्रियों को अपने क्षेत्रों का दौरा करने के लिये भी कहा गया। बैठक में सिर्फ उन्हीं मंत्रियों को बुलाया गया था, जो जयपुर में मौजूद थे। डूंगरपुर और बांसवाड़ा के विधायकों को पैसा देने के मामले में एसीबी ने शनिवार को तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इनमें महुवा से ओमप्रकाश हुड़ला, अजमेर किशनगढ़ से सुरेश टांक और पाली मारवाड़ जंक्शन से निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह शामिल हैं।

जांच में सामने आया कि इनके पास मोटी धनराशि भी थी। ऐसा पहली बार हुआ है जब एसीबी ने इस तरह के मामलों में प्राथमिकी दर्ज की है। तीनों ने स्थानीय विधायकों को प्रलोभन दिया था। तीनों की कांग्रेस से संबद्धता खत्म कर दी गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया, प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का सीधे नाम लेते हुये कहा था- ये लोग केंद्रीय नेताओं के इशारे पर राजस्थान में सरकार को गिराने के लिए खेल खेल रहे हैं। एक तरफ राज्य सरकार कोरोना से लड़ रही है लेकिन भाजपा सरकार गिराने की कोशिशों में लगी है।

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