New Delhi : भारतीय वायुसेना ने अपने सबसे दमदार स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर रूद्र को लद्दाख के मोर्चे पर तैनात किया है। अपनी कई खूबियों की वजह से रूद्र अमेरिका से लाये अपाचे से भी बेहतर है। खासतौर पर हाई एल्टीट्यूड वारफेयर में रुद्र का पलड़ा अपाचे से भारी है और चीन की तरफ से तैनात जेड-19 लड़ाकू हेलीकॉप्टर कहीं ठहरता नहीं है।
Thank you, @IAF_MCC, for your partnership. We’re happy to have completed the deliveries of the 22 #AH64-E Apache and 15 #Chinook helicopters to India. pic.twitter.com/MLAFFXvWIe
— Boeing India (@Boeing_In) July 10, 2020
रुद्र को वायुसेना ने लद्दाख के थोइस एयरबेस पर तैनात किया है. यहां से इस हेलीकॉप्टर के लिये एलएसी के उन सभी इलाकों तक जाना बहुत आसान है जहां चीन ने अपने टैंक, बख्तरबंद गाड़ियां और सैनिक ठिकाने बनाये हैं। रुद्र 250 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से उड़ सकता है और बीस हजार फीट तक की ऊंचाई पर जा सकता है। लेकिन जो बात इसे हिमालय की ऊंचाई पर लड़ने में अपाचे से ज्यादा कारगर बनाती है वो है इसका वजन।
रुद्र का वजन 5.8 टन है जो अपाचे के 10.4 टन के वजन का आधा है। लद्दाख की ऊंचाई में इतना कम वजन इसे ज्यादा फुर्ती से कार्रवाई करने में मदद करता है और छोटा आकार दुश्मन की पकड़ में काम आता है। रुद्र की मुख्य गन 20 मिमी की है जो पायलट के हेलमेट से जुड़ी होती है यानी पायलट जिधर देखेगा निशाना लगता जायेगा। इसके अलावा ये 48 रॉकेट या 4 एंटी टैंक मिसाइलें ले जा सकता है।
लद्दाख में IAF का सबसे दमदार हेलीकॉप्टर रुद्र तैनात, चीन के Z-19 को मात देने में सक्षम
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इसके सेंसर्स बहुत कारगर हैं जिनसे दुश्मन के रडार का दूर से ही पता लग जाता है। इसमें हेलीकॉप्टर पर दागी गई मिसाइल को पहले से भांपने का सटीक सिस्टम लगा है जिससे पायलट को खुद पर दागी गई मिसाइल से बचने का पर्याप्त मौका मिलता है। रुद्र स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव का आर्म्ड संस्करण है और भारतीय पायलट लंबे अरसे से इस पर काम करने में महारत हासिल कर चुके हैं।