New Delhi : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खिलाफ जब चार यार मिल जाएंगे तो ड्रैगन की बेचैनी बढ़ना स्वभाविक है। इस साल के अंत में होने के जा रहे मालाबार नेवल अभ्यास में भारत, अमेरिका और जापान के साथ अब ऑस्ट्रेलिया भी शामिल होना चाहता है। इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि भारत ऑस्ट्रेलिया को अभ्यास में शामिल करने पर सकारात्मक रूप से विचार कर रहा है। इधर चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि इस युद्धाभ्यास का मकसद है चीन पर दबाव बनाया। इस ड्रिल से चीन पर दबाव बनाने की इन चार देशों की कोशिश नाकाम होगी। चीन को फर्क नहीं पड़ता।
If #Australia is included in the next #Malabar drill, it will be the 1st time for the US, Japan, Australia and #India, to coordinate at a military level. The four have friction with China. Putting pressure on China will be one of their aims: analysts https://t.co/PcY9O0b748 pic.twitter.com/JVem2g69jR
— Global Times (@globaltimesnews) July 11, 2020
यदि भारत अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को भी शामिल करता है तो Quad या क्वाड्रीलैटरल कोइलिशन के सभी सदस्यों का नेवी युद्धाभ्यास चीन को बेहद परेशान कर सकता है। Quad का गठन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने और क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव को रोकने के उद्देश्य से किया गया था।
नंवबर 2017 में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने लंबे समय से लंबित क्वाड्रीलैटरल कोअलिशन का गठन किया ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को किसी प्रभाव से मुक्त रखते हुए इस अहम समुद्री रास्ते के लिए नई रणनीति बनाई जा सके।
इस मामले से जुड़े लोगों ने पीटीआई को बताया कि भारत मालाबार अभ्यास में शामिल होने की ऑस्ट्रेलिया की इच्छा पर विचार कर रहा है। अगले कुछ सप्ताह में अंतिम फैसला लिया जा सकता है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव है। पिछले महीने दोनों देशों की सेनाओं में हिंसक झड़प के बाद स्थिति पिछले पांच दशकों में सबसे अधिक तनावपूर्ण हो गई।
मालाबार एक्सरसाइज की शुरुआत भारतीय और अमेरिकी नेवी के बीच 1992 में हई। 2015 में जापान भी इसका स्थायी सदस्य बन गया। पिछले कुछ सालों से ऑस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल होना चाहता है। पिछले कुछ सालों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है। पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वर्चुअल समिट के दौरान कई अहम समझौते किए थे। भारत की तरह ऑस्ट्रेलिया के साथ भी चीन की तनातनी है।