New Delhi : विकास दुबे के साथ ही तमाम राज भी दफन हो गये। वह प्रदेश और देश के कई बड़े नेता, अफसर, कारोबारी और नामचीन हस्तियों को बेनकाब कर सकता था। इनके गठजोड़ की गांठें भी खुलतीं। इन्हीं लोगों की सरपरस्ती में विकास दुबे खूंखार बना। सौ से अधिक केस उस पर हुये। जेल जाता रहा और आता रहा।
Vedio: 48 hours before Vikas Dubey Encounter.#WhyVikasDubeyKilledpic.twitter.com/ZaIf0FZDed
— Rahul Gandhi ® (@_Gandhi_Rahul_) July 10, 2020
वर्ष-1990 में अपराध जगत में उतरने के साथ ही उसे सियासी सरपरस्ती मिलने लगी थी। डेढ़ दशक तक वो ग्राम प्रधान रहा। आज भी प्रधानी उसके घर में ही है। उसने अपनी सियासी पारी की शुरुआत बसपा से की। करीब 15 साल तक बसपा से जुड़ा रहा। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य भी रहा। बसपा सुप्रीमो से लेकर पार्टी के कई बड़े नेताओं से उसका सीधा संपर्क रहा। इसके बाद सपा और भाजपा नेताओं के संपर्क में आ गया। भाजपा के दो विधायक उसके बेहद करीबी हैं।
इस बात का खुलासा खुद उसने एक इंटरव्यू में किया था। पार्टी के एक सांसद भी उसके रुतबे के कायल रहे। चुनाव हो या किसी अन्य मामले में समर्थन की जरूरत, तो ये सभी जनप्रतिनिधि विकास की चौखट जरूर पहुंचते। कुछ यही हाल समाजवादी पार्टी के नेताओं और जनप्रतिनिधियों का रहा है। विधायकों से लेकर प्रदेश स्तर तक के पदाधिकारी तक विकास दुबे के करीबी रहे। विकास जो कहता था, वो ये करते थे। पार्टी में फंड भी देता था। जिले के दो सपा विधायकों से भी उसकी नजदीकियां चर्चा में रहीं। सोशल मीडिया पर उनकी फोटो भी वायरल हो चुकी है।
विकास राजनीति में सक्रिय रहा। पार्टी कोई भी हो, उसका मकसद राजनीति को अपने अपराधों की ढाल बनाना था। इलाके में दहशत कायम की, जिससे वोट बैंक बनाया और उसी बल पर पार्टियों से डील करता रहा। राजनीति से जुड़े पुराने लोग बताते हैं कि विकास बसपा सुप्रीमो मायावती से सीधे मिलता था। इससे उसकी हनक का अंदाजा लगाया जा सकता था।
This is not justice. India has faltered on the fundamentals of law. My column on #VikasDubey for @htTweets https://t.co/tphIao7ZpY
— barkha dutt (@BDUTT) July 10, 2020
विकास ने अपने इलाके के दो दर्जन गांवों में दहशत फैला रखी थी। वो जो कहता था, ग्रामीण वही करते थे। ग्राम प्रधान कौन बनेगा, ये भी वही तय करता था। जब विधायकी और सांसदी का चुनाव होता था तो जिसे वो समर्थन देता था, इन गांवों का वोट एकमुश्त उसी को जाता था।