New Delhi : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक और दौर की राजनयिक वार्ता होने की संभावना के बीच भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर चीन के दावे को एक बार फिर खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा – भारत वार्ता के जरिये मतभेदों के समाधान को लेकर आश्वस्त है और सीमा क्षेत्रों में अमन-चैन बनाये रखने की आवश्यकता को समझता है।
Temporary non-patrolling zones in areas vacated as part of mutual disengagement in Eastern Ladakh
Read @ANI Story | https://t.co/VDinDrgm8L pic.twitter.com/Mp8n9Bhn4O
— ANI Digital (@ani_digital) July 9, 2020
श्रीवास्तव ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा – एलएसी का कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाना चाहिये, क्योंकि सीमावर्ती क्षेत्रों में यही शांति और स्थिरता का आधार है। एनएसए ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय बलों ने सीमा प्रबंधन के मामले में हमेशा बहुत जिम्मेदाराना दृष्टिकोण अपनाया है और साथ ही, हमारे बल देश की सम्प्रभुता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहद प्रतिबद्ध हैं।
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया – दोनों पक्ष भारत-चीन सीमा मामलों पर विचार-विमर्श एवं समन्वय के लिए कार्य तंत्र की रूपरेखा के तहत सीमा विवाद पर शुक्रवार को एक और ऑनलाइन बैठक करेंगे। श्रीवास्तव ने दोहराया – गलवान घाटी पर चीन के हालिया दावे बढ़ा-चढ़ा कर किए गए और निराधार हैं और एलएसी का कड़ाई से पालन एवं सम्मान किया जाना चाहिए, क्योंकि सीमावर्ती क्षेत्रों में यही शांति और स्थिरता का आधार है।
श्रीवास्तव ने कहा – हम वार्ता के जरिए मतभेदों के समाधान को लेकर आश्वस्त हैं और सीमा क्षेत्रों में अमन-चैन बनाए रखने की आवश्यकता को समझते हैं। इसके साथ ही हम अपनी सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
The next meeting of the working mechanism for consultation and coordination on India-China border affairs, the WMCC (Working Mechanism for Consultation and Coordination) is expected to take place soon: Anurag Srivastava, official spokesperson, MEA https://t.co/YCMNTETh9S
— ANI (@ANI) July 9, 2020
श्रीवास्तव ने कहा – दोनों पक्षों के सैन्य और राजनयिक अधिकारी विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति के अनुसार सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए और तनाव कम करने के लिए बैठकें जारी रखेंगे। भारत-चीन सीमा मामलों पर विचार-विमर्श एवं समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की अगली बैठक जल्द ही होने की संभावना है।