New Delhi : भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ फ्रिक्शन प्वाइंट से चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है, क्योंकि हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में एक जटिल विघटन योजना आगे बढ़ी है।
PLA ने पैट्रोलिंग पॉइंट 15 (हॉट स्प्रिंग्स) से 2 किमी तक अपने कदम पीछे खींच लिए हैं और बुधवार शाम तक पीपी -17 (गोगरा) में वैसी ही वापसी की उम्मीद है।
4km buffers at three key points as troops pull backhttps://t.co/9aM5KUL7qg
— Hindustan Times (@HindustanTimes) July 8, 2020
चीन के फैसले के बाद भारतीय सेना भी पीछे हो गई है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया – यह पिछले हफ्ते शीर्ष भारतीय और चीनी सैन्य कमांडरों द्वारा लद्दाख थिएटर में चल रहे सीमा संघर्ष के चरणबद्ध विस्तार पर आधारित एक चर्चा के बाद संभव हुआ।
सेना के एक अधिकारी ने कहा – दोनों सेनाओं ने पहले ही गलवान घाटी में 4 किमी के बफर जोन का निर्माण कर लिया है, जहां 15 जून की घटना हुई थी। बफर जोन का निर्माण क्षेत्र में दोनों सेनाओं की गश्त गतिविधियों को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित करेगा। कुछ विशेषज्ञों ने इसे एक आवश्यक कदम के रूप में देखा, तो कुछ ने चेतावनी दी कि गश्त अधिकारों के अस्थायी क्यूरेटिंग को भारतीय उपस्थिति और नियंत्रण को कम करने वाली दीर्घकालिक सुविधा नहीं बनना चाहिये।
पीएलए ने गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में फ्रिक्शन प्वाइंट से 1.5 किमी तक अपने कदम पीछे किए हैं और भारतीय सेना ने भी आनुपातिक रूप से कदम वापस खींच लिया। पैंगॉन्ग त्सो के पास संवेदनशील फिंगर एरिया में पीएलए के सैनिकों का मामूली झुकाव देखा गया है।
#India’s tense relations with neighboring countries are an inevitable result of India’s increasingly aggressive, and even adventurous, recent foreign strategies. India’s strategic aggressiveness will lead to strategic overdrafts. https://t.co/nDOd1VJRam pic.twitter.com/85hKCznigK
— Global Times (@globaltimesnews) July 8, 2020
लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (retd) ने कहा – गालवान घाटी से पीएलए पुलबैक की पुष्टि तब हुई जब सैटेलाइन इमेज दिखाई दी। इमेज से स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि पीएलए गालवान घाटी में वापस चली गई है। यह एक सकारात्मक कदम है, लेकिन निरंतर सख्त सतर्कता जरूरी है।