New Delhi : गलवान घटना में अपनी पीठ थपथपाने की चाह रखने वाले चीन का दांव उल्टा पड़ गया। चीन के सरकारी टीवी चैनल ने बीती रात इस मुद्दे पर कुछ ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें प्रसारित कीं, जिससे भारत का दावा और पुख्ता हो गया। इन तस्वीरों से भारत की उस बात को बल मिला, जिसमें कहा गया था कि गलवान घाटी में मई महीने की शुरुआत में चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में जवानों की गतिविधियों को रोकने की कोशिश की थी।
China’s state-run broadcaster CCTV-4 aired new satellite images, further supporting India’s claim that the Chinese forces tried preventing Indian Army from carrying out activities on the Indian side of the border in Ladakh’s #GalwanValley.https://t.co/2VwjulwCbn
— The Federal (@TheFederal_in) July 7, 2020
चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी-4 पर बीती रात सैटेलाइट तस्वीरें दिखाई गईं, जिसमें गलवान नदी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर भारतीय हेलीकॉप्टर पैड और कैंप्स थे। यह पश्चिमी हिमालय में समुद्री स्तर से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर है। इससे पहले, 15 जून को भारत-चीन सैनिकों के बीच घटना हो गई थी।
चीन में प्रसारित की गईं सैटेलाइट तस्वीरों में यह तो नहीं पता चल सका है कि किस तारीख की हैं, लेकिन एलएसी पर भारत की ओर पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर भारतीय सैनिक और नवनिर्मित हेलीपैड दिखाई दे रहे हैं। इससे यह साफ हो रहा है कि चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय निर्माण और सैनिकों को पीछे किया गया था। वहीं, 25 जून के बाद की सैटेलाइट तस्वीरों में वहां चीनी निर्माण को देखा गया। भारत हमेशा कहता आया है कि गलवान नदी तटबंध वाला क्षेत्र हमारा है, जो कि पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 तक जाता है।
भारत-चीन की सेनाएं पीछे हटने लगी हैं। दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की बैठकों और एनएसए अजीत डोभाल व चीनी विदेश मंत्री की बातचीत के बाद यह फैसला हुआ है। सैन्य सूत्रों ने बताया – आपसी सहमति के मुताबिक, दोनों पक्षों की तरफ से सेनाओं को विवादवाली जगह से एक से डेढ किलोमीटर पीछे हटना होगा। दोनों सेनाओं की तरफ से सेना को कम करने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद बातचीत हो सकती है। वहीं, सेना को पीछे करने का यह काम कुछ दिनों में पूरा कर लिया जायेगा।