New Delhi : जब-जब कारगिल की बात होती है जांबाज विक्रम बत्रा का नाम जरूर आता है। कारगिल वॉर के दौरान बत्रा को शेरशाह का कोड नाम दिया गया था। कैप्टन विक्रम बत्रा से जुड़ा एक वाकया है। एक पाकिस्तानी घुसपैठिया युद्ध के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा को बोला- हमें माधुरी दीक्षित दे दो, हम नरमदिल हो जायेंगे। इस बात पर कैप्टन विक्रम बत्रा मुस्कुराये और इसका जवाब अपनी एके-47 से दिया और बोले- लो माधुरी दीक्षित के प्यार के साथ और कई पाकिस्तानी सैनिकों ने जान गंवाई।
21 years ago I met the extraordinary #VikramBatra, Code name, Sher Shah, the swashbuckling soldier who was one of the first interviews I did at the #Kargil frontline and would be the first obituary tribute I'd write as well. It feels like yesterday to me. I can hear his laugh 1/n pic.twitter.com/TPUzSv1oeZ
— barkha dutt (@BDUTT) July 7, 2020
7 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध की सबसे मुश्किल चुनौतियों में शुमार प्वाइंट 4875 पर मोर्चा संभालना लोहे के चने चबाने जैसा था। ऊपर चढ़ने की संकरी जगह और ठीक सामने दुश्मन का ऐसी पोजीशन पर होना जहां से आसानी से वो आपको अपना निशाना बना सकता था। इन सब मुश्किलों के बाद भी विक्रम बत्रा के कदमों को दुश्मन रोक न सके।
बिजली की गति से दुश्मन के मोर्चे पर धावा बोलकर कैप्टन विक्रम बत्रा ने पहले हैंड टू हैंड फाइट की और उसके बाद प्वाइंट ब्लैक रेंज से दुश्मन के पांच सैनिकों की जान ले ली। गहरे जख्म होने पर भी बत्रा यहीं नहीं रुके। वो घिसटते हुये दुश्मन के करीब तक पहुंचे और ग्रेनेड फेंकते हुये पोजीशन को क्लियर कर दिया। टीम का नेतृत्व कर रहे विक्रम बत्रा ने अपनी टीम में पूरी ताकत के साथ लड़ने का जुनून भर दिया। जब जख्मी विक्रम बत्रा को उनके सूबेदार ने रेस्क्यू करने की कोशिश की तो वो बोले तू बाल बच्चेदार है, हट जा पीछे।
इसके बाद विक्रम बत्रा शहीद हो गये। बाद में उनकी टीम ने प्वाइंट 4875 को वापस कब्जाने का लक्ष्य हासिल किया। जब भी कारगिल के दौरान कोई मिशन सफल होता था तो कैप्टन विक्रम बत्रा जोर से बोलते थे – ‘ये दिल मांगे मोर’ और अगले ऑपरेशन की तरफ चल पड़ते थे। हर मुश्किल घड़ी में कैप्टन विक्रम बत्रा के मुंह से मुश्किलों को चुनौती देने के लिए एक ही शब्द निकलता था ‘ये दिल मांगे मोर’।
I am Capt Vikram Batra! Durge Mata ki Jai. Everything you want is on the other side of fear! If you didn't get goosebumps watching this you are probably dead! Story, Narration & Creation by @MajorAkhill pic.twitter.com/GOPnGD3p30
— PRO Udhampur, Ministry of Defence (@proudhampur) July 7, 2020
कैप्टन विक्रम बत्रा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था – पाकिस्तानी घुसपैठिये और हम एक ही फ्रीक्वेंसी पर थे और उन्होंने हमें चुनौती दी।
‘शेरशाह ऊपर मत आना…’ यह सुनकर मेरे सैनिक गुस्से में आ गये। उन्होंने कहा हमें धमकाने की हिम्मत कैसे हुई, हम उनको ठीक कर देंगे। ‘दुर्गा माता की जय’ बोलकर अपनी पलटन के साथ कैप्टन विक्रम बत्रा टूट पड़े। अपनी बंदूक से पांच पाक सैनिकों को ढेर कर दिया।