New Delhi : वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बीते दो महीने से लगातार बनी हुई है। चीनी सैनिकों की आक्रमकता को कुंद करने के लिये भारत के द्वारा करीब 30 हजार अधिक जवानों को लद्दाख सेक्टर में तैनात किया गया है। लद्दाख की ठंड को देखते हुए भारतीय सेना अत्यधिक ठंड में उपयोग किये जाने वाले टेंट का ऑर्डर देने जा रही है। इससे सेना की मंशा साफ झलक रही है कि किसी भी कीमत पर पीछे हटने वाली नहीं है।
Indian Army to place emergency orders for extreme cold weather tents for soldiers on LAC
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— ANI Digital (@ani_digital) July 6, 2020
टेंट की आवश्यकता इसलिये महसूस की जा रही है, क्योंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनाती लंबे समय तक रहने की उम्मीद है। वरिष्ठ सशस्त्र बलों के अधिकारियों को लगता है कि ऐसी स्थिति कम से कम सितंबर-अक्टूबर तक जारी रह सकती है।
सेना के सूत्र ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा- भले ही चीनी सैनिक अपने स्थान से हट जाएं, हम भविष्य में भी नहीं हटेंगे। इसीलिए, हम पूर्वी लद्दाख सेक्टर में अत्यधिक ठंड के मौसम में रहने के लिए हजारों टेंट लगाने के आदेश देने जा रहे हैं। सभी सीमा पर हथियार और गोला-बारूद के अलावा हमारी आपातकालीन खरीद का प्रमुख ध्यान सैनिकों के आवास के लिए व्यवस्था कराने पर होगा।
सूत्र ने कहा – चीन ने पहले ही अपने विशेष शीतकालीन टेंट लगाना शुरू कर दिया है। भारत फिलहाल सियाचिन ग्लेशियर में समान टेंट और संरचनाएं इस्तेमाल कर रहा है। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भी इनमें से कुछ का उपयोग किया गया है। अब बड़े पैमाने पर इसकी जरूरत महसूस हुई है। उन्होंने कहा – सेना ने ऐसे टेंटों के लिये भारतीय और यूरोपीय दोनों बाजारों को देख रहा है, क्योंकि अत्यधिक ठंड के मौसम के सेट से पहले उन्हें खरीदने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने हथियारों, गोला-बारूद और निवास स्थान की किसी भी प्रकार की कमी को दूर करने के लिए सेना को प्रति खरीद के लिए 500 करोड़ रुपये की वित्तीय शक्तियां दी हैं। सेना अपने एम -777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर और रूस और अन्य वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं से कई अन्य प्रकार के गोला-बारूद और हथियार के लिए एक्सेलिबुर गोला-बारूद खरीदने जा रही है।