New Delhi : नेपाल में राजनीतिक हलचल तेज है। पीएम केपी शर्मा ओली पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि ओली ने नेपाल के सेना अध्यक्ष जनरल पुर्ण चंद्र थापा से बातचीत की है। इसको लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या ओली सेना की मदद से सत्ता बचाने और चलाने की कोशिश करेंगे? हाल ही में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सह-अध्यक्ष और ओली पर इस्तीफे का दबाव बना रहे पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने कहा था कि नेपाल में पाकिस्तान की तरह सरकार चलाने की कोशिश हो सकती है, जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा।
#Nepal@kpsharmaoli and @cmprachanda talks inconclusive, next meet tomorrow.
Meanwhile the Nepalese PM met Army Chief General Thapa. #NepalPolitics https://t.co/Js0HsXIpEu
— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) July 5, 2020
माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से बढ़ते दबाव के बीच ओली कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। नेपाल के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओली कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और वह कोई ऐसा कदम भी उठा सकते हैं, जिसकी उम्मीद नहीं की जा रही है। खुद ओली ने शनिवार को मंत्रियों के साथ बैठक में कहा कि वे फैसला कर लें कि किसका साथ देंगे। उन्होंने कहा कि एक दो-दिन में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
रविवार को पड़ोसी देश में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला। पीएम केपी शर्मा ओली की ओर से राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए हटाए जाने की साजिश का आरोप लगाए जाने के बाद नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने बिद्या देवी भंडारी से शीतल निवास में मुलाकात की। इसके बाद प्रचंड प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर पहुंचे। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही। कल एक बार फिर दोनों की बैठक होगी। लेकिन जिस तरह दोनों अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं उससे यह तय माना जा राह है कि सुलह संभव नहीं है।
कोरोना वायरस महामारी के बीच नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बन चुका है। चीन के इशारे पर भारतीय इलाकों को देश के नए नक्शे में शामिल करके भी ओली अपने खिलाफ उठती आवाजों को दबा नहीं सके। कुशासन, भ्रष्टाचार, कोविड-19 के खिलाफ इंतजाम में कमियों को लेकर केपी के खिलाफ ना सिर्फ जनता में आक्रोश है, बल्कि पार्टी का भी वह विश्वास खो चुके हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता उनसे पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री का पद छोड़ने को कह चुके हैं।