उदित नारायण बोले- वे मुझे 22 साल डराते रहे, स्ट्रेस देते रहे, आज भी डराते हैं, मेरी सुपारी भी दे दी

New Delhi : बॉलीवुड एक्‍टर सुशांत सिंह राजपूत के जाने के पीछे डिप्रेशन की बात कही जा रही है। नेपोटिज्म की बहस छिड़ी हुई है। इस बहस में कई बड़े सितारे अपनी बात रखते हुए डिप्रेशन की बात कर रहे हैं। इसी बीच बॉलीवुड के फेमस सिंगर उदित नारायण ने एक इंटरव्यू में कहा है – बॉलीवुड के 40 साल के सफर में 22 साल धमकी भरे कॉल सुनते-सुनते बीते हैं। इस दौरान उनके दिमाग में कई बार जान दे देने का भी ख्याल आया। उनके इस खुलासे से फिल्म इंडस्ट्री भी हैरान-परेशान है।

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उदित नारायण ने अपने करियर की शुरुआत 1980 में की थी। 5 जुलाई 1980 में उन्होंने फिल्म ‘उन्नीस बीस’ के लिये पहली बार अपनी आवाज दी थी। इस गाने को उदित नारायण ने मोहम्‍मद रफी के साथ गाना गाया था। जिसे लोगों ने पसंद किया। बॉलीवुड में उनके 40 साल हो गये हैं।
एक न्यूज साइट से बात करते हुये अदित नारायण ने कहा- 1998 में फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ से सफल होने के बाद मुझे धमकियां मिलना शुरू हो गईं। कॉल पर लोग एक्सटॉर्शन मनी की मांग करते और काम छोड़ने को कहते। जो लोग मेरे काम से इन सिक्योर थे उन्‍होंने मेरे नाम की सुपारी भी दी थी। 1998 से लेकर 2019 तक हर दो-चार महीने पर उसी तरह से कॉल आती है।

1998 में लगातार कॉल आने के बाद उनकी मदद मुंबई क्राइम ब्रांच ने की। साल 1998 के पुलिस कमिश्नर एम एन सिंह ने उनकी मदद की और 2 पुलिस वाले उनके साथ रख दिये। राकेश मारिया ने भी उनकी मदद की और सुरक्षा मुहैया करवाई। उन्होंने आगे कहा – सेक्योरिटी रखने के बावजूद भी उनकी मुसिबत हल नहीं हुई। वह उसी तरह कॉल और मैसेज करते रहे। ये धमकियां मुझे सिर्फ स्ट्रेस देने की कोशिश की थी ताकि अच्छा परफॉर्म ना कर संकू। कई रातें बिना सोये गुजरती थीं जिसकी वजह से मैं डिप्रेशन में भी गया। ऐसे में बार-बार जान दे देने तक का ख्याल आता रहा।

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