New Delhi : तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने विवादित टिप्पणी करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तुलना ‘जहरीले सांप’ से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह लोग काली नागिन के डसने से मर जाते हैं उसी तरह लोग सीतारमण की वजह से मर रहे हैं। इस पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह टिप्पणी नस्लवादी और महिला विरोधी है। ईंधन की बढ़ती कीमतों और रेलवे के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ शनिवार को बांकुरा में एक रैली को संबोधित करते हुए कल्याण बनर्जी ने सीतारमण के इस्तीफे की मांग की।
WATCH: Political discourse in #WestBengal hits a new low with #TMC MP Kalyan Banerjee makes misogynistic attack on Union Finance Minister Nirmala Sitharaman, equates her to a 'venomous snake' during a public meeting in #Bankura district yesterday (June 4). pic.twitter.com/7EUgq5Zs17
— Deepayan Sinha | দীপায়ন | दीपायन (@sdeepayan) July 5, 2020
उन्होंने कहा- जिस तरह एक जहरीले सांप ‘काली नागिन’ के काटने से इंसान मर जाता है, उसी तरह निर्मला सीतारमण की वजह से देश के लोग एक के बाद एक मर रहे हैं क्योंकि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है।
तृणमूल के लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी ने सीतारमण को दुनिया की सबसे खराब वित्त मंत्री बताया। भाजपा ने उनकी टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कल्याण बनर्जी के बयान की निंदा करते हुए कहा- टीएमसी सांसद ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को काली नागिन कहा, जो बहुत ही निंदनीय है। यह टिप्पणी उस प्रदेश में की गई जहां हर घर में देवी काली की पूजा होती है। टिप्पणी न केवल नस्लवादी है, बल्कि महिला विरोधी भी है।
बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल की अध्यक्ष ममता बनर्जी का पार्टी के नेताओं पर नियंत्रण नहीं रहा है। उन्होंने कहा- तृणमूल में भ्रष्टाचार शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक फैल गया है। वे लोग अंदरूनी झगड़े में उलझे हुए हैं और उनमें से कई सत्तारूढ़ दल में बने हालात से ध्यान भटकाने की खातिर बेसिर-पैर की बातें कर रहे हैं। ऐसी टिप्पणियों को हम अधिक महत्व नहीं देते हैं। वे हताशा में आकर ऐसी बेतुकी बातें कर रहे हैं।
वैसे कल्याण बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया – प्रधानमंत्री ने नये भारत का वादा किया था और इसे उन्होंने जीडीपी की विकास दर को ”बेहद खराब” स्थिति में पहुंचा कर पूरा किया।