सीएम योगी का बड़ा फैसला- 1427 फर्जी शिक्षकों से 900 करोड़ वसूलेगी यूपी सरकार, 930 बर्खास्त

New Delhi : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा होने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त हैं। फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज पर नौकरी करनेवाले अभी 1427 शिक्षक सामने आ गये हैं। इनसे अब 900 करोड़ रुपये की वसूली होगी। विभाग के कर्मचारी और अधिकारी भी सरकार की रडार पर हैं।

अनामिका शुक्ला फर्जी टीचर कांड के बाद यूपी में अध्यापकों के प्रमाण पत्रों की जांच तेज हो गई है। फर्जी कागज तैयार करा कर शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे शिक्षक-शिक्षिकाओं पर शासन शिकंजा कस दिया है। एटा के 117 शिक्षकों से रिकवरी का आदेश शासन ने पहले ही बीएसए को दिया है। यह राशि 50 करोड़ से ज्यादा हो सकती है। शासन ने निर्देश मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। नोटिस जारी होने के एक सप्ताह के भीतर पैसा जमा करने के लिए कहा गया है। निर्धारित समय में पैसा जमा नहीं हुआ तो आरसी काट दी जाएगी।
अनामिका शुक्ला के नाम पर 24 जिलों में फर्जी अनामिका शुक्ला के साथ ही 1427 फर्जी शिक्षक पकड़े गये हैं। इनमें से 930 की सेवा समाप्त कर दी गयी है, जबकि 497 के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। अब सरकार की नजर मदद पहुंचाने वालों पर है। इन्हें भी बख्शा नहीं जायेगा। बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने प्रदेश के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का ब्योरा मांगा है।
इस प्रकरण में एक-एक शिक्षक से करीब 60-60 लाख रुपये वसूले जायेंगे। प्रदेश में स्पेशल टास्क फोर्स, आगरा के डॉ भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में बीएड की फर्जी डिग्री मिलने के बाद से जांच में लगी थी। यहां पर एसटीएफ को करीब साठ प्रतिशत फर्जी डिग्री मिलने के बाद सनसनी फैल गयी। इन्हीं फर्जी डिग्री की मदद से प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग शिक्षक बनकर सरकारी स्कूलों में पहुंचे।
बेसिक शिक्षा विभाग के लेखाकार नरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि शासन से जिले के 117 फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं से वेतनादि की रिकवरी का आदेश मिला है। शिक्षकों से रिकवरी का आगणन पूर्ण होने पर उनको नोटिस जारी किया जाएगा। फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं को दो बार नोटिस जारी किया जाएगा। पैसा जमा होने पर उसके बाद आरसी जारी कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर से ही पूर्ण होनी हैं। आगणन, नोटिस प्रक्रिया में दो-तीन दिन का समय लगेगा।

नोटिस में फर्जियों को निर्धारित समय धनराशि जमा करने को भी कहा जाएगा। शासन के इस नए फरमान ने फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं की नींद उड़ा दी है। अभी तक फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाएं कोर्ट का सहारा लेकर बचते रहे हैं। डा. भीमराव अंबेडकर विश्व विद्यालय के फर्जी एवं टैम्पर्ड अभिलेख पर प्रदेशभर में नौकरी कर रहे 2823 शिक्षक-शिक्षिकाए शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे थे। विश्वविद्यालय ने इनकी एसआईटी जांच कराई थी।

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