New Delhi : बीते कुछ महीनों में अपनी हरकतों के चलते दुनिया के कई प्रमुख देशों की आंखों में खटकने वाले चीन को अब एक और करारा झटका लगा है। मोदी सरकार के फैसले की वजह से चीन के पसीने छूटने लगे हैं। दरअसल, सरकार ने जिन 59 ऐप्स को प्रतिबंधित किया था, उसकी वजह से चीन को अब अरबों रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
The loss of Chinese internet company ByteDance – mother company of Tik Tok — could be as high as $6 billion after Indian government banned 59 Chinese apps including #TikTok, following deadly border clash between Indian and Chinese troops last month: source https://t.co/4nyXX8iP5Z pic.twitter.com/RyghiI05iS
— Global Times (@globaltimesnews) July 1, 2020
चीन का मानना है कि महज टिकटॉक के बैन होने से ही छह बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान होने वाला है। ऐसे में संभव है कि चीन अगले किसी भी विवाद को खड़ा करने से पहले कई बार सोचे। चीन सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने टिकटॉक के बैन होने से कंपनी को होने वाले नुकसान को लेकर ट्वीट किया है।
‘ग्लोबल टाइम्स’ ने ट्वीट किया, ‘चीनी इंटरनेट कंपनी बाइटडांस- जोकि टिकटॉक की पैरेंट कंपनी है, उसे भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बाद भारत सरकार द्वारा बैन किए जाने की वजह से 6 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। यह जानकारी ग्लोबल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से दी है। यानी 6000 मीलियन डॉलर यानी करीब 46000 करोड़ रुपये।
#India's #AppBan may have greater negative impact than the government wagered, as many locals have expressed their concerns within days of the ban's announcement. Indian students, business people, online celebrities & IT talent have aired their grievances. https://t.co/75GbAmNXSE pic.twitter.com/DBWZHfyWzT
— Global Times (@globaltimesnews) July 1, 2020
बैन होने से पहले टिकटॉक भारत में काफी मशहूर वीडियो ऐप थी। इस ऐप के करीब 20 करोड़ यूजर्स थे, जो ऐप पर शॉर्ट वीडियोज अपलोड करते थे। केंद्र सरकार ने बीते दिनों इस ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा हेलो, यूसी न्यूज, यूसी ब्राउजर समेत 58 और चीनी ऐप को बैन कर दिया था।
चीनी ऐप पर बैन लगाए जाने के बाद भारत को अमेरिका का भी साथ मिला है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को कहा कि चीनी ऐप के बैन का भारत का जो फैसला है, उससे देश की संप्रभुता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही भारत की अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा में भी इजाफा होगा। इसके अलावा भी अमेरिका लगातार अन्य मुद्दों पर चीन को घेरता आया है।
Indian leaders understand how powerful China is, while Indian nationalists are ignorant and arrogant, “So they might say some harsh words, but they dare not take the first shot at us.” #ChinaIndiaFaceoff https://t.co/v91dSgyV5e pic.twitter.com/IjYThh2StT
— Global Times (@globaltimesnews) July 1, 2020
भारत और चीन के बीच बीते मई की शुरुआत से ही एलएसी पर सीमा विवाद को तनाव चल रहा है। दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को कम करने के लिए दोनों देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी कई बार बैठक कर चुके हैं, लेकिन चीन के धोखेबाजी के चलते अभी तक पूरी तरह से सफलता नहीं मिली है।