ऑरेंज एलर्ट- गलवान में एयर पेट्रोलिंग तेज, चीन को तबाह करने के लिये एयर मिसाइल सिस्टम तैनात

New Delhi : पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की हिमाकत के बाद अब भारतीय सेनाओं ने जमीन ही नहीं, हवा में भी मजबूत जाल बिछा रखा है। पूरे लद्दाख में भारतीय वायुसेना और थल सेना ऑरेंज अलर्ट पर है। दुश्मन के विमान तबाह करने के लिए क्विक रिएक्शन सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम भी तैनात कर दिया गया है। वायुसेना के आधुनिक रडार दुश्मन के विमानों को उसके बेस पर ही निगरानी पर रखे हैं।

तोपखाना जरूरत पड़ने पर सटीक वार करने को मुस्तैद है तो भारतीय वायुसेना भी हवाई हमले को नाकाम करने में सक्षम है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, दोनों भारतीय सेनाओं ने तोपों और मिसाइलों की तैनाती करने के साथ ही पूर्वी लद्दाख में गत दिनों अपने मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम भी मजबूत किया है। इसके अलावा भी नए उपकरणों को शामिल करने का सिलसिला जारी है।
दरअसल, चीन की वायुसेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब सुखोई- 30 विमानों और हेलीकॉप्टरों की गतिविधियों में तेजी लाई है। चीन के हेलीकॉप्टर गलवन घाटी के प्वाइंट 14, 15 व हॉट स्प्रिंग, पैंगोंग त्सो और फिंगर एरिया के काफी पास तक उड़ान भरते देखे गए हैं।

इसके जवाब में ही भारतीय वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में दुश्मन के विमानों को गिराने की क्षमता से युक्त अपने आधुनिक क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम तैनात किया है। दोनों देशों में समझौते के अनुसार, भारत व चीन के विमानों को उड़ते समय वास्तविक नियंत्रण रेखा से दस किलोमीटर की दूरी बनानी होती है।
क्विक रिएक्शन सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम पिछले वर्ष ही वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया है। इस मिसाइल सिस्टम को जाम नहीं कर सकता है। इसे वाहन के जरिये कम समय में ही एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। सिस्टम में लगी मिसाइल दुश्मन के विमान को फौरन तलाश कर त्वरित कार्रवाई कर उसे गिराने की ताकत रखती है।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार लद्दाख में भारतीय वायुसेना व थल सेना ऑरेंज अलर्ट पर है। इसके तहत भारतीय लड़ाकू विमानों के हवा से निगरानी करने का स्तर ठीक वैसा ही है, जिसका प्रदर्शन गत वर्ष पाकिस्तान में कैंपों पर स्ट्राइक के बाद वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करने के लिए आए पाकिस्तान के एफ-16 विमानों में से एक को गिरा दिया था। पूर्वी लद्दाख में अपने तीन एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनाने वाली वायुसेना के फाइटर विमान चंद मिनटों में चीन पर प्रहार करने की भी क्षमता रखते हैं।

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