बॉयकॉट चाइना : नीतीश सरकार ने चीनी कंपनियों से छीना 2900 करोड़ का पटना का मेगा पुल प्रॉजेक्ट

New Delhi : लद्दाख में बिहार रेजिमेंट के जवानों से धोखा करनेवाले चीन को बिहार ने बड़ा झटका दिया है। बॉयकॉट चीन मुहिम को आगे बढ़ाते हुये नीतीश कुमार की सरकार ने चाइनीज कंपनियों से बड़ा प्रॉजेक्ट छीन लिया है। बिहार सरकार ने रविवार को पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के बगल में बनने जा रहे नये पुल का टेंडर रद्द कर दिया है। सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा – प्रॉजेक्ट के लिए चुने गये चार कॉन्ट्रैक्टर में से दो के पार्टनर चाइनीज थे। इन दो कंपनियों को हटा दिया गया है।

नंद किशोर यादव ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुये कहा- महात्मा गांधी सेतु के साथ बनने जा रहे नये पुल के लिये चुने गये 4 कॉन्ट्रैक्टर्स में से दो के पार्टनर चाइनीज थे। हमने उन्हें पार्टनर बदलने को कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए हमने टेंडर को रद्द कर दिया है। हमने दोबारा आवेदन मंगवाये हैं।
चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी और शानशी रोड ब्रिज ग्रुप कंपनी को प्रॉजेक्ट के लिए चुना गया था। इस प्रॉजेक्ट को पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने मंजूरी दी थी, जिसकी अगुआई पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी।
बिहार सरकार ने यह फैसला बॉयकॉट चाइना मुहिम की वजह से लिया है। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने तीन चीनी कंपनियों से हुए 5000 हजार करोड़ रुपए के समझौते को होल्ड रख दिया है। बिहार की राजधानी पटना में 14.5 किलोमीटर लंबे प्रॉजेक्ट में 5.634 किलोमीटर का पुल शामिल है, जो गंगा नदी और एनएच 19 पर चार लेन के मौजूदा महात्मा गांधी सेतु के साथ-साथ बनेगा।

इसमें चार अंडरपास, एक रेल ओवर ब्रिज, 1580 मीटर लंबा एक पुल, चार छोटे पुल, पांच बस शेल्टर और 13 रोड चौराहे बनने हैं। इस प्रोजेक्ट पर 2926 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और प्रॉजेक्ट 3.5 साल में पूरा होगा। यह पुल निर्माण योजना पटना की लाइफ लाइन है। पिछले कई साल से महात्मा गांधी सेतु के टूटने के कगार पर पहुंचने की वजह से पूरा बिहार परेशान है।

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